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केंद्र सरकार ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 1.67 करोड़ से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन डोज अभी भी उपलब्ध हैं.
Covid-19 India: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 1.67 करोड़ से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीन डोज अभी भी उपलब्ध हैं. सरकार ने इस बात को उजागर किया कि मुश्किल वैक्सीन की कमी नहीं, बल्कि बेहतर प्लानिंग की है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 13,10,90,370 वैक्सीन डोज मिले हैं, जिसमें से कुल खपत, नुकसान मिलाकर 11,43,69,677 रहा है.
केरल में वैक्सीन डोज की शून्य बर्बादी: स्वास्थ्य सचिव
उन्होंने यह भी कहा कि केरल में वैक्सीन डोज की शून्य बर्बादी है, जबकि दूसरी तरफ, ऐसे राज्य हैं, जहां 8-9 फीसदी बर्बादी सामने आ रही है. देश में कोरोना वायरस की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पिछला सबसे बड़ा उछाल पीछे छूट चुका है और ट्रेंड ऊंचाई पर जा रहा है और यह चिंता का कारण है और यह वे लगातार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करते हैं और महामारी से ज्यादा प्रभावी तरीके से निपटने की मदद की कोशिश करते हैं.
भूषण ने कहा कि सुबह 11 बजे के डेटा के मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लगाने के लिए इस्तेमाल नहीं की गई डोज 1,67,20,693 हैं. अब से लेकर अप्रैल के खत्म होने तक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 2,01,22,960 डोज सप्लाई होने हैं. उन्होंने आगे कहा कि इससे साफ दिखता है कि मुश्किल बेहतर योजना की कमी होना है, वैक्सीन डोज की कमी नहीं. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समय-समय पर वैक्सीन डोज उपलब्ध किए हैं और जैसा पहले बताया गया था कि बड़े राज्यों को हम एक बार में चार दिन की सप्लाई देते हैं और पांचवें और छठें दिन वे सप्लाई को दोबारा भरते हैं. छोटे राज्यों के लिए, एक बार में वे 7-8 वैक्सीन डोज की सप्लाई करते हैं और सातवें या आठवें दिन उनकी सप्लाई दोबारा की जाती है.
महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में हालात खराब: केंद्र
भूषण ने कहा कि प्रत्येक राज्य सरकार को कोल्ड चैन प्वॉइंट्स पर यह पता लगाना चाहिए कि कितनी इस्तेमाल में नहीं आई डोज पड़ी हुई हैं और अगर जरूरत है, तो एक कोल्ड चैन प्वॉइंट से दूसरे पर खपत के पैटर्न के आधार पर उन्हें लगाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और गुजरात चिंता वाले राज्यों में शामिल हैं. नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वी के पॉल ने कहा कि एक गंभीर स्थिति सामने आ रही है. जहां कुछ राज्यों में स्थिति ज्यादा बुरी है, यह देशव्यापी समस्या है और टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस और ट्रीट की रणनीति पर फोकस जारी रखना और कोविड उपयुक्त बर्ताव के साथ वैक्सीन को अपनाना जारी रखना चाहिए.
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