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DRDO ने एक ऑटोमैटेड और कॉन्टैक्टलेस अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजेशन कैबिनेट को विकसित किया है. (Image: ANI)
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्राधिकरण (DRDO) ने एक ऑटोमैटेड और कॉन्टैक्टलेस अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजेशन कैबिनेट को विकसित किया है, जिसकी मदद से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, करेंसी नोट और कागजों को सैनिटाइज किया जा सकेगा. रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. यह सिस्टम जिसका नाम डिफेंस रिसर्च अल्ट्रावायलेट सैनिटाइजर (DRUVS) है, कैबिनेट में रखी गई सभी चीजों पर 360 डिग्री अल्ट्रावायलेट की किरणें पहुंचाएगा.
काम के बाद सिस्टम स्लीप मोड में चला जाता है
सिस्टम में प्रोग्जिमिटी सेंसर स्विच ड्रॉअर के खोलने और बंद होने के मैकेनिज्म के साथ दिए गए हैं जो इसके संचालन को ऑटोमैटिक और कॉन्टैक्टलेस बनाते हैं. एक बार सैनिटाइजेशन होने के बाद सिस्टम स्लीप मोड में चला जाता है. इस वजह से व्यक्ति को इंतजार करने या डिवाइस के पास खड़े होने की भी कोई जरूरत नहीं है.
इस सिस्टम को हैदराबाद में स्थित DRDO की रिसर्च सेंटर Imarat (RCI) लैब ने विकसित किया है. मंत्रालय ने बताया कि यह सिस्टम कॉन्टक्टलैस ऑपरेशन पर काम करता है जो वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि DRUVS को मोबाइल फोन, आईपैड, लैपटॉप, करेंसी नोट, चेक लीफ, चलान, पासबुक, कागज, लिफाफे आदि को सैनिटाइज करने के लिए डिजाइन किया गया है.
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DRDO ने डिसइन्फेक्शन टावर भी बनाया था
इससे पहले DRDO ने एक अल्ट्रावायलेट (UV) डिसइन्फेक्शन टावर को विकसित किया था. इससे जिन क्षेत्रों में संक्रमण का ज्यादा खतरा है, उस तेज और केमिकल-रहित तरीके से कीटाणु रहित करने में मदद मिलती है. यह UV ब्लास्टर एक यूवी बेस्ड एरिया सैनिटाइजर है जिसे लेजर साइंस एंड टैक्नोलॉजी सेंटर (LASTEC), जो DRDO की प्रीमियम लैब है, उसने गुरुग्राम की न्यू एज इंस्ट्रूमेंट्स एंड मैटिरियलर्स लिमिटेड के साथ मिलकर डिजाइन और डेवलप किया है.
बता दें कि देश में 25 मार्च से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है. बीते तकरीबन एक हफ्ते के आंकड़ों को देखें तो हर दिन 3000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.
(Input: PTI, ANI)