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कोरोना संकट: भारतीय डाक मुश्किल समय में बचा रहा लोगों की जिंदगी, टेस्टिंग किट से लेकर दवाइयों की डिलीवरी

दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क भारतीय डाक लोगों के लिए जीवन बचाने वाला बन गया है.

दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क भारतीय डाक लोगों के लिए जीवन बचाने वाला बन गया है.

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PTI
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कोरोना संकट: भारतीय डाक मुश्किल समय में बचा रहा लोगों की जिंदगी, टेस्टिंग किट से लेकर दवाइयों की डिलीवरी

From delivering mails to COVID-19 kits, India Post turns lifesaver in testing times दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क भारतीय डाक लोगों के लिए जीवन बचाने वाला बन गया है.

दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क भारतीय डाक लोगों के लिए जीवन बचाने वाला बन गया है. वह दूरदराज के इलाकों में कोविड-19 टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर्स, मास्क और दवाइयां डिलीवर कर रहा है. भारतीय डाक के 1.56 लाख से ज्यादा पोस्ट ऑफिस हैं, जिसमें 1.41 लाख ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं. लाल मेल वैनें जिनका इस्तेमाल पहले शहर की सीमा में पार्सल की डिलीवरी के लिए होता था, अब वे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट का जरिया बन गईं हैं क्योंकि ट्रेनों और फ्लाइट्स का संचालन नहीं हो रहा है.

दिल्ली से भेजी जा रहीं टेस्टिंग किट

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पिछले हफ्ते एक कोविड-19 किट को ड्राई आइस में पैक करके दिल्ली से रांची के अस्पतालों तक भेजा गया था. पश्चिम बंगाल सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि अगला दिन रविवार का था और वे सोमवार तक नहीं रूक सकते थे. उनकी चुनौती जल्द करने की थी, तो उन्होंने झारखंड के पोस्टल सर्किल के साथ प्रबंध किए और आधी रात तक डिलीवरी अस्पतालों तक हो गई.

इसके बाद दूसरे दिन 650 किलो की दवाइयां और PPE दिल्ली से कोलकाता कार्गो फ्लाइट के जरिए भेजी गई थी. कुल 25 डिब्बे थे और उन्होंने आधी रात तक डिलीवरी को सुनिश्चित किया. 50 से ज्यादा रेज मेल वैन संचालन में हैं जो कोलकाता हब से पश्चिम बंगाल सर्किल के जिलों और दूसरे क्षेत्रों तक PPE को डिलीवर करती हैं.

उन्होंने बताया कि ये उन लोगों के लिए एक बिल्कुल नई तरह की चुनौती है. कोरोना से जुड़ी चीजों की बहुत आवाजाही हो रही है. बड़ी चुनौती लॉजिस्टिक से जुड़े प्रबंधों को करने की है. इससे डिलीवरी की प्रक्रिया में लगे लोगों जैसे ड्राइवरों की जिम्मेदारी बढ़ती है जो किसी भी समय में दूरदराज के इलाकों में जाते हैं.

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कम कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है डाक विभाग

भट्टाचार्य ने कहा कि वे कम स्टाफ के साथ काम कर रहे हैं जो लगभग 60 फीसदी का है क्योंकि छोटे पोस्ट ऑफिस बंद हैं. वे पार्सल को हेड पोस्ट ऑफिस लाते हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि अब हमारा ट्रांसपोर्ट सिस्टम रेलवे और हवाई सेवा के बगैर हो गया है. यह आपातकाल की स्थिति है और वे इसके लिए तैयार हैं.

उन्होंने नदिया जिले के सब पोस्ट ऑफिस में पोस्ट ऑफिसर संजीत का उदाहरण दिया जो गड़िया जिले से 150 किलोमीटर से ज्यादा सफर कर काम की जगह पर जाते हैं.

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