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कोरोना संकट के बीच हो रही कैश की जमाखोरी, लोगों के पास मौजूद करेंसी रिकॉर्ड ऊंचाई पर

लोगों के पास मौजूद करेंसी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.

लोगों के पास मौजूद करेंसी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.

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कोरोना संकट के बीच हो रही कैश की जमाखोरी, लोगों के पास मौजूद करेंसी रिकॉर्ड ऊंचाई पर

Credit growth to industry grew by 2.2 per cent in the month, as compared to 6.4 per cent growth in June 2019.

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कोरोना वायरस महामारी की वजह से अनिश्चितता का माहौल बना है. अब इसकी वजह से लोगों ने कैश को बड़े स्तर पर जमा किया है. इससे लोगों के पास मौजूद करेंसी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की साप्ताहिक स्पलीमेंट रिपोर्ट के मुताबिक 22 मई 2020 को खत्म हुए हफ्ते तक लोगों के पास मौजूद करेंसी 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पर थी. यह 31 मार्च को खत्म होने वाले हफ्ते के 23.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ी है, जब देशव्यापी लॉकडाउन शुरू हुआ था.

नोटबंदी के बाद भी कैश बढ़ा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को देशव्यापी ज्यादा मूल्य वाले करेंसी की नोटबंदी का एलान करने के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन इसके बाद भी कैश के इस्तेमाल में इजाफा अब भी जारी है, इसमें अच्छी रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है.

18 अक्टूबर 2016 को खत्म हुए हफ्ते तक लोगों के पास मौजूद करेंसी 17 लाख करोड़ रुपये थी जो केवल साढ़े तीन साल में 8 लाख रुपये का इजाफा था. कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन ने लोगों के पास मौजूद करेंसी में बढ़ोतरी में बड़ी भूमिका निभाई है. क्योंकि लॉकडाउन भारतीयों के लिए नया है, ऐसे में इस बात को लेकर अनिश्चित्ता हो गई कि आगे चीजें कैसे होंगी. इसलिए लोगों ने किराने के सामान की पैनिक खरीदारी की. इसके साथ दूसरी जरूरी सामानों को भी भरा. यही वजह है कि लोगों ने कैश जमा किया है.

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लॉकडाउन के बाद अनिश्चितता की भावना

अब भी, जब लॉकडाउन लगभग पूरी तरह हट चुका है और अधिकतर कारोबारों और उद्योगों को संचालन की मंजूरी दे दी गई है, बाजार से जुड़ी अनिश्चितता ने ग्राहक के आत्मविश्वास को कम स्तर पर रखा है. इस कम आत्मविश्वास, आर्थिक तंगी और कोरोना वायरस के मामलों में इजाफे को देखते हुए लोगों को ज्यादा कैश जमा करके लिक्विडिटी को बढ़ाना सबसे सुरक्षित विकल्प लग रहा है.

इस बीच कैश के ज्यादा इस्तेमाल को रोकने की दिशा में आरबीआई ने आज पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवपमेंट फंड (PIDF) को बनाने का एलान किया. इसका लक्ष्य डिजिटल ट्रांजैक्शन करने के लिए पर्याप्त सुविधाओं को स्थापित करना है. फंड का टीयर-3 से टीयर-6 सेंटरों और उत्तर-पूर्व के राज्यों में प्वॉइंट ऑफ सेल (PoS) इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

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