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सोमवार को केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) से एक साथ तीन महीने का अनाज उधार पर उठाने की छूट दी है. ऐसा कोरोना वायरस (Coronavirus, COVID-19) महामारी के मद्देनजर किया गया है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थी आते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जनता को खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए व्यय विभाग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के इस प्रस्ताव से सहमत हुआ है कि FCI से तीन महीने के लिए खाद्यान्न उधारी पर राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा उठाए जा सकते हैं.’’
435 लाख टन खाद्यान्नों का सरप्लस स्टॉक
सरकारी आंकड़ों के अनुसार फिलहाल सरकार के पास 435 लाख टन खाद्यान्नों के अधिशेष भंडार हैं, जिनमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं है. मौजूदा समय में, सरकार देश में पांच लाख राशन की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह पांच किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है. इससे सरकारी खजाने पर सालाना लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का खर्च बोझ आता है.
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To ensure adequate supply of foodgrains to the public and financially assist the State Govts, Department of Expenditure, @FinMinIndia has agreed to the Food & Public Distribution Department's proposal that foodgrain for 3 months can be lifted by States/ UTs on credit from FCI.
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) March 23, 2020
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सरकारी व्यय प्रणाली बनी अनिवार्य सेवा
वित्त मंत्रालय ने सरकारी व्यय प्रणाली को अनिवार्य सेवा घोषित कर दिया है. सरकार की ओर से किए जाने वाले सभी तरह के भुगतानों को सामान्य गति से चलाने और पैसों के लेनदेन में देरी को रोकना सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इसे अनिवार्य सेवा के दायरे में ले लिया है. वित्त मंत्रालय ने एक सूचना में कहा कि सरकार की भुगतान प्रणाली से जुड़े सभी कार्यालय कोरोना वायरस संकट की अवधि के दौरान खुले रहेंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की अवधि के दौरान वित्त मंत्रालय सरकार की व्यय प्रणाली के सुचारू रूप से काम करना सुनिश्चित करेगा. इसे अनिवार्य सेवा के दायरे में लाने की घोषणा कर दी गई है. इसलिए सरकार की ओर से किए जाने वाले विभिन्न तरह के भुगतान से जुड़े सभी कार्यालय खुले रहेंगे ताकि पैसे के लेनदेन में किसी तरह की देरी ना हो.’’ मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार की व्यय प्रणाली से जुड़े सामान्य और मंत्रालयों के एकीकृत वित्त प्रखंड (आईएफडी), लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के विभाग और कार्यालयों की सेवाएं अब अनिवार्य सेवाओं की श्रेणी में होंगी.
Input: PTI