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COVID19 Vaccine India: कोवैक्सीन 200% सुरक्षित, जल्द से जल्द करेंगे लॉन्च: भारत बायोटेक MD

आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत बायोटेक के चेयरमैन व MD कृष्णा एल्ला ने कहा है कि हमें वैक्सीन बनाने का अच्छा अनुभव है और हम विज्ञान को गंभीरता से लेते हैं.

आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत बायोटेक के चेयरमैन व MD कृष्णा एल्ला ने कहा है कि हमें वैक्सीन बनाने का अच्छा अनुभव है और हम विज्ञान को गंभीरता से लेते हैं.

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Coronavirus vaccine covaxin is 200 pc safe, bharat biotech will roll out the covid19 vaccine as early as possible, bharat biotech md krishna ella

भारतीय कंपनियां इस तरह की टीका टिप्पणियों की हकदार नहीं हैं.

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोविड19 वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को DCGI द्वारा इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की कई लोग आलोचना कर रहे हैं. इसकी सुरक्षा, प्रभावशीलता और डेटा पर पारदर्शिता को लेकर टीका टिप्पणियां की जा रही हैं. इन आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत बायोटेक के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) कृष्णा एल्ला ने कहा है कि कोवैक्सीन 200 फीसदी सुरक्षित है, हमें वैक्सीन बनाने का अच्छा अनुभव है और हम विज्ञान को गंभीरता से लेते हैं. भारतीय कंपनियां इस तरह की टीका टिप्पणियों की हकदार नहीं हैं.

कृष्णा एल्ला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड19 वैक्सीन कोवैक्सीन ने 10 फीसदी से भी कम प्रतिकूल प्रभाव दर्शाए हैं, जबकि अन्य वैक्सीन्स के 60-70 फीसदी साइड इफेक्ट सामने आए हैं. एस्ट्राजेनेका इन्हें दूर करने के लिए वॉलंटियर्स को 4g पैरासीटामेाल दे रही थी. हमने किसी भी वॉलंटियर को पैरासीटामोल नहीं दी है. मैं यकीन दिला सकता हूं कि कोवैक्सीन 200 फीसदी सुरक्षित है.

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कोवैक्सीन एक सरल दो डोज वाली वैक्सीन है. अभी 12 साल से अधिक उम्र वालों को दी जा सके, ऐसी वैक्सीन केवल हमारी है. हम जल्द ही बच्चों पर भी इसके ट्रायल्स की योजना बना रहे हैं. हम जितना जल्दी हो सके वैक्सीन को लॉन्च करेंगे. कसौली सरकारी टेस्टिंग लैब में वैक्सीन की खेप भेजी जा चुकी हैं.

भारतीय कंपनियां ही क्यों बनती हैं निशाना

कृष्णा एल्ला ने आलोचनाओं पर कहा कि मैं नहीं जानता कि पूरी दुनिया में हर बार भारतीय कंपनियों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है. इमरजेंसी मेडिकल लाइसेंस जारी करना एक वैश्विक प्रक्रिया है. यहां तक कि अमेरिका भी कहता है कि अगर आपके पास अच्छा इम्युनाइजेशन डेटा है तो इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. मेराक की इबोला वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी तीसरे चरण के ट्रायल पूरे होने से पहले ही मिल गई थी. जॉनसन एंड जॉनसन ने 87 लोगों पर ट्रायल किया था और इमरजेंसी लाइसेंस मिल गया था.

2019 में CDCSO ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था. उसकी गाइडलाइंस में साफ लिखा है कि अगर आपके पास प्रमाणित व सुरक्षित टेक्नोलॉजी है और अच्छा प्री क्लीनिक ट्रायल डेटा उपलब्ध है तो आपको प्रॉडक्ट के लिए इमरजेंसी लाइसेंस मिल सकता है. कोवैक्सीन को बैकअप वैक्सीन कहे जाने पर कृष्णा एल्ला ने कहा कि यह एक वैक्सीन है, बैकअप नहीं. लोगों को ऐसे बयान देने से पहले जिम्मेदार बनना चाहिए.

डेटा को लेकर 70 से ज्यादा आर्टिकल छप चुके

कई लोगों का कहना है कि मैं डेटा को लेकर पारदर्शी नहीं हूं. मुझे लगता है कि लोगों को इंटरनेट पर धैर्य से पढ़ना चाहिए, हमने विभिन्न इंटरनेशनल जर्नल्स में 70 से अधिक आर्टिकल पब्लिश किए हैं. कोवैक्सीन कोरोना के नए प्रकार पर भी असरदार होगी या नहीं, इस पर भारत बायोटेक के एमडी ने कहा कि मुझे एक सप्ताह का वक्त दीजिए, मैं आपको कन्फर्म डेटा दूंगा.

आगे कहा कि हम कोई ऐसी कंपनी नहीं हैं, जिसके पास वैक्सीन्स के मामले में कोई अनुभव नहीं है. हमारे पास बेहतरीन अनुभव है. कोविड19 वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स भारत बायोटेक केवल भारत में ही नहीं कर रही है बल्कि इन्हें ब्रिटेन समेत 12 से अधिक देशों में किया गया है. हम पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश व अन्य देशों में भी ट्रायल्स कर रहे हैं. हम केवल एक भारतीय कंपनी नहीं बल्कि एक ग्लोबल ग्लोबल कंपनी हैं.

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शुरुआत में ज्यादा रहेगी कीमत

कोवैक्सीन की कीमत को लेकर भारत बायोटेक के एमडी ने कहा कि शुरुआत में वैक्सीन की कीमत थोड़ी ज्यादा रह सकती है. जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा, कीमत नियंत्रित हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि अभी हमारे पास वैक्सीन की 2 करोड़ डोज हैं. हमारा लक्ष्य अपनी 4 फैक्ट्रियों में 70 करोड़ डोज के उत्पादन की क्षमता को हासिल करना है. हमारी तीन फैक्ट्री हैदराबाद में और एक बेंगलुरू में है. पूरी दुनिया में केवल हमारे पास BSL-3 प्रॉडक्शन फैसिलिटी है. यहां तक कि अमेरिका में भी यह नहीं है. हम दुनिया के ​किसी भी हिस्से में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में मदद के लिए तैयार हैं.

मंजूरी मिलना देश में इनोवेशन की दिशा में अहम छलांग

कृष्णा एल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिलना भारत में इनोवेशन व नये उत्पादों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. यह देश के लिये गर्व का समय है और भारतीय वैज्ञानिक क्षमता का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. यह देश में इनोवेशन के लिये अनुकूल परिवेश की शुरुआत है. यह टीका महामारी के इस दौर में एक ऐसी चिकित्सकीय जरूरत को पूरा करता है, जिसका कोई हल नहीं था. भारत बायोटेक का लक्ष्य दुनिया भर के उन लोगों को टीका मुहैया कराना है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. वैक्सीन्स को लेकर देश में चल रही राजनीति को लेकर कृष्णा एल्ला ने कहा कि मैं एक बात बेहद स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरे परिवार को कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं रखता है.

Source: ANI

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