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पीएसएलवी के 53वें मिशन का काउंटडाउन स्टार्ट, अमेजन के जंगलों पर रहेगी ऊपर से नजर

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अगले कार्यक्रम का काउंटडाउन शुरू हो गया है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अगले कार्यक्रम का काउंटडाउन शुरू हो गया है.

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Countdown begins for PSLV-C51 Amazonia-1 mission and isro started one more mission to launch gsat 1 know here the details amazon deforestation

पीएसएलवी-सी51 रॉकेट पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल) का 53वां मिशन होगा. (File Photo)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अगले कार्यक्रम का काउंटडाउन शुरू हो गया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस से PSLV-C51/Amazonia-1 mission का काउंटडाउन आज 27 फरवरी की सुबह 08:54 पर शुरू किया गया है. पीएसएलवी-सी51 रॉकेट पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल) का 53वां मिशन होगा. इसके जरिए ब्राजील के Amazonia-1 को लांच किया जाएगा. Amazonia-1 प्राइमरी सैटेलाइट है और इसके साथ 18 अन्य सैटेलाइट्स को भी चेन्नई से करीब 100 किमी दूर श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा. इसरो ने इसकी जानकारी दी है. इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इसे कल 28 फरवरी की सुबह 10:24 पर लांच किया जाएगा. हालांकि लांचिंग मौसम की तत्कालीन परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.

इसरो की इकाई NSIL का पहला कॉमर्शियल मिशन

PSLV-C51/Amazonia-1 इसरो की कॉमर्शियल इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का पहला डेडिकेटेड कॉमर्शियल मिशन है. एनएसआईएल इस मिशन को अमेरिकी सैटेलाइट राइडशेयर और मिशन मैनेजमेंट प्रोवाइडर स्पेसफ्लाइट इंक के साथ कॉमर्शियल अरेंजमेंट के तहत कर रहा है. Amazonia-1 नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (INPE) का ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है. इस सैटेलाइट के जरिए अमेजन रीजन में डिफॉरेस्टेशन (जंगलों की कटाई) पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी और ब्राजीलियन टेरीटरी में डाइवर्सिफाइड एग्रीकल्चर के एनालिसिस में मदद मिलेगी. इसके साथ जो 18 सैटेलाइट भेजी जा रही हैं, उसमें चार इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथॉरिटीजेशन सेंटर और 14 एनएलआईएल की हैं.

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जीसैट-1 की भी तैयारी में जुटा है ISRO

पीएसएलवी-सी-51 मिशन के साथ इसरो पृथ्वी पर नजर रखने वाले सैटेलाइट जीसैट-1 के प्रक्षेपण की भी तैयारियों में जुटा है. इसे जीएसएलवी-एफ 10 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा. इस सैटेलाइट को पिछले साल 5 मार्च 2020 को ही अंतरिक्ष में भेजा जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से इसे निर्धारित समय से एक दिन पहले टाल दिया गया था. जानकारी के मुताबिक अब इसे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से मार्च के अंत में या अप्रैल के शुरू में प्रक्षेपित किया जा सकता है. ‘जिसैट-1’ भारतीय उपमहाद्वीप की निगरानी करता रहेगा.

(Input- Agency)

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