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Brijbhushan Sharan Singh Case: अगली सुनवाई 20 जुलाई 2023 को दोपहर 12:30 बजे होगी. (PTI)
Brijbhushan Sharan Singh Case: पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर को दो दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी. न्यायाधीश हरजीत सिंह जसपाल ने आरोपियों को 25,000 रुपये के जमानत बांड भरने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 20 जुलाई 2023 को दोपहर 12:30 बजे होगी. भाजपा सांसद को छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, हमले और पीछा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर 1500 पेज के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने तलब किया था. अप्रैल महीने में एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी की अलग-अलग शिकायतें दर्ज की थीं.
कोर्ट में क्या हुआ?
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था. वहीं, तोमर पर धारा 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाया गया था. सिंह के वकील ने ‘मीडिया ट्रायल’ का आरोप लगाया, जिस पर न्यायाधीश ने कहा कि वह हाईकोर्ट या निचली अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकते हैं. न्यायाधीश ने कहा कि अदालत आवेदन पर उचित आदेश पारित करेगी.
ममहिला पहलवानों ने जांच समिति को बताया पक्षपाती
दूसरी तरफ महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली जांच समिति की मंशा पर सवाल उठाए हैं. डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दिग्गज मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम के नेतृत्व में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है. शिकायतकर्ताओं ने अलग-अलग बयान में आरोप लगाया कि जांच समिति बृजभूषण के प्रति पक्षपातपूर्ण नजर आती है. बृजभूषण के खिलाफ दायर 1,599 पन्नों के आरोप पत्र में 44 गवाहों के बयान के अलावा शिकायतकर्ताओं के छह बयान शामिल हैं, जो सीआरपीसी की धारा-164 के तहत दर्ज किए गए थे.
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