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आईसीएमआर और भारत बॉयोटेक की स्टडी के आधार पर बूस्टर डोज में तेजी लाने की वकालत की गई है ताकि वैरिएंट ऑफ कंसर्न्स के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सके.
Covaxin Booster Dose: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में कल रविवार (10 अप्रैल) से कोई भी 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र का शख्स निजी वैक्सीनेशन केंद्रों पर बूस्टर डोज लगवा सकेगा. इस बीच एक और खबर आई है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज जिसे दूसरी डोज के छह महीने के बाद लगाया गया, उसके शरीर में कोरोना के ओमिक्रॉन समेत अन्य वैरिएंट्स के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित हुई. आईसीएमआर और भारत बॉयोटेक की स्टडी के मुताबिक बूस्टर डोज ने कोरोना वायरस के अलावा कुछ अन्य गंभीर बीमारियों के खिलाफ भी प्रतिरोधी क्षमता विकसित की है.
इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सीनियर साइंटिस्ट डॉ प्रज्ञा यादव ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि करीब 30 म्यूटेशन के साथ ओमिक्रॉन के उभाार ने चिंता बढ़ाई है क्योंकि इस पर वैक्सीन भी कारगर नहीं दिख रही है. ऐसे में कोरोना वायरस और तेजी से फैल रहा है और लोग फिर से संक्रमित हो रहे हैं. दुनिया भर में अन्य वैक्सीन भी वायरस के नए वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न के खिलाफ घटते एंटीबॉडी रिस्पांस ने भी वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ाई है. अब आईसीएमआर और भारत बॉयोटेक की स्टडी के आधार पर बूस्टर डोज में तेजी लाने की वकालत की गई है ताकि वैरिएंट ऑफ कंसर्न्स के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सके.
51 लोगों पर हुई स्टडी
यह स्टडी 51 लोगों पर की गई जिन्हें छह महीने पहले कोवैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. दूसरी डोज लगने के 215वें दिन इन्हें तीसरी डोज लगाई गई और ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बॉयोटेक ने यह स्टडी जनवरी में की थी और इसके नतीजे को 24 मार्च को ट्रैवल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया. इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साइंटिस्ट डॉ गजानन सकपाल के मुताबिक बूस्टर डोज के बाद B.1 और वैरिएंट ऑफ कंसर्न- डेल्टा, बीटा और ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडी विकसित हुई.
रविवार से लगेगी बूस्टर डोज
कल से 18 वर्ष से अधिक की उम्र का कोई भी शख्स अपने नजदीकी निजी वैक्सीनेशन केंद्र पर कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज लगवा सकता है. इस प्रिकॉशन या बूस्टर डोज को 18 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले वे सभी लोग लगवा सकेंगे, जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाए हुए कम से कम 9 महीने बीत चुके हों. यानी अगर आपने वैक्सीन की दूसरी डोज अभी हाल में लगवायी है या उसे नौ महीने पूरे नहीं हुए हैं, तो अभी आपको बूस्टर डोज नहीं लगवानी है. यह सुविधा सभी निजी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका मतलब यह हुआ कि तीसरी डोज़ मुफ्त में नहीं लगेगी. अब तक स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल या उससे अधिक उम्र वाले 6.4 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज लगाई जा चुकी है.