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Gennova Biopharmaceuticals Ltd. is planning to produce around 40-50 lakhs of doses per month and this capacity can be quickly doubled. (File)
Covid Vaccine for Children: जल्द ही दो साल से ऊपर के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जा सकता है. इस उम्र के बच्चों के लिए कोवैक्सीन (Covaxin) को परीक्षण में सुरक्षित पाया गया है. यह दावा कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बॉयोटेक ने किया है. कंपनी के मुताबिक दूसरे और तीसरे चरण की स्टडी में 2 साल से बड़े बच्चों के लिए कोवैक्सीन सुरक्षित पाई गई है. कंपनी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक कोवैक्सीन का टीका 2 साल से बड़े बच्चों में कोरोना महामारी के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने में सफल रहा है. कंपनी के मुताबिक परीक्षण के इन नतीजों को लैंसेट इंफेक्शियस डिजीजेस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. कंपनी का कहना है कि उसके पास 5 करोड़ से अधिक डोज़ उपलब्ध हैं, जिसे जरूरत पड़ने पर फौरन मुहैया कराया जा सकता है.
पिछले साल हुआ था परीक्षण
कंपनी ने पिछले साल जून 2021 से सितंबर 2021 के बीच 2-18 वर्ष के स्वस्थ बच्चों के ऊपर इस वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण किया था. यह परीक्षण कई केंद्रों पर किया गया. इस परीक्षण में इसे लेकर अध्ययन किया गया कि कोवैक्सीन को 2-18 वर्ष के स्वस्थ बच्चों को लगाया जाता है तो यह कितनी सुरक्षित होगी और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका क्या असर होगा?
कंपनी का दावा है कि परीक्षण में यह टीका सुरक्षित पाया गया. इसका स्वास्थ्य पर कोई खास नकारात्मक असर नहीं हुआ और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी. यह जानकारी पिछले साल अक्टूबर में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) को भेजी गई और कोवैक्सीन को 6-18 वर्ष की आयु के लोगों पर आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई.
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5 करोड़ से अधिक डोज पर आधारित स्टडी
कंपनी के चेयरमैन और एमजी कृष्णा एल्ला ने कहा कि बच्चों के लिए टीके का सुरक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है और अब कोवैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित पाई गई है. अब यह वैक्सीन बड़ों और बच्चों को प्राइमरी इम्यूनाइजेशन (यानी दो डोज) और बूस्टर डोज के रूप में लगाई जा सकेगी और इस प्रकार कोवैक्सीन को यूनिवर्सल वैक्सीन बनाने का लक्ष्य हासिल हो गया है. यह परीक्षण बच्चों को दी गई 5 करोड़ से अधिक डोज के आंकड़ों पर आधारित है. परीक्षण में कोई गंभीर समस्याएं नहीं आईं. जो 374 मामले सामने आए, वे मामूली थे और एक दिन के भीतर ही उनका समाधान हो गया. सबसे अधिक शिकायत टीका लगने वाली जगह पर दर्द की आई.
(इनपुट: पीटीआई)