/financial-express-hindi/media/post_banners/4CDlZ4ykPAD42IYfyq0m.jpg)
सरकार ने कहा कि सीरो सर्वे में पाया गया है कि भारत की आबादी के दो-तिहाई हिस्से या 67.6 फीसदी में कोविड एंटीबॉडी मौजूद है.
Covid-19 Sero Survey: सरकार ने मंगलवार को कहा कि देशव्यापी सीरो सर्वे में पाया गया है कि भारत की आबादी का दो-तिहाई हिस्सा या 67.6 फीसदी, जिनकी उम्र 6 साल से ज्यादा है, उनमें कोविड एंटीबॉडी मौजूद है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा जून-जुलाई में किए गए चौथे राष्ट्रीय कोविड-19 सीरो सर्वे में यह पाया गया कि दो-तिहाई आबादी में एंटीबॉडी है, जिसका मतलब है कि 40 करोड़ लोग अभी भी कोविड-19 संक्रमण की तरफ संवेदनशील हैं.
ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हालांकि, सर्वे में दिखता है कि एक उम्मीद की किरण मौजूद है, लेकिन कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत के प्रति कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए. सर्वे में यह भी सामने आया है कि सर्वे किए गए 85 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी (HCWs) में SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी हैं और 1/10 को अभी टीका नहीं लगा है.
सर्वे सामान्य आबादी के 28,975 लोगों और 7,252 स्वास्थ्यकर्मियों में किया गया था. इसमें 21 राज्यों के 70 जिले शामिल थे. ICMR ने यह भी सुझाव दिया है कि प्राथमिक स्कूलों पर पहले खोलने पर विचार करना ज्यादा सही रहेगा, क्योंकि बच्चे वायरस के संक्रमण से बेहतर निपट सकते हैं. उसने कहा कि बच्चे वायरल इंफेक्शन से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं क्योंकि उनमें रिसेप्टर की संख्या कम होती है. इसलिए एक बार फैसला ले लिया जाए और सभी कर्मचारियों को टीका लग जाए, तो पहले प्राथमिक स्कूलों को खोलना सही रहेगा.
सरकार ने यह भी कहा कि सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक भीड़ से बचना चाहिए और गैर-जरूरी सफर को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत नहीं: केंद्र सरकार
इस बीच, सरकार ने आज राज्यसभा को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत नहीं हुई थी. उसने कहा कि लेकिन दूसरे लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में अप्रत्याशित बढ़ोतरी आई और इसका पीक पहली लहर के 3095 MT की तुलना में करीब 9000 MT रहा, जिसके बाद केंद्र को राज्यों के बीच बराबर वितरण के लिए आना पड़ा.
इस सवाल का जवाब देते हुए कि, क्या दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में कोविड-19 मरीज की सड़कों और अस्पतालों में मौत हुई, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित तौर पर केंद्र को मामलों और मौतों की संख्या की जानकारी देते हैं.