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सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने Sputnik V वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल में मंजूरी के आवेदन को मंजूरी दे दी है.
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी खबर आई है. एक्सपर्ट कमेटी ने Sputnik V वैक्सीन के भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके लिए डॉ रेड्डीज ने ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) के पास आवेदन किया था. भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद यह कोविड-19 इंफेक्शन के खिलाफ बचाव के लिए इमरजेंसी अप्रूवल पाने वाली तीसरी वैक्सीन है. स्पुतनिक वी वैक्सीन एस्ट्राजेनेका की तरह ही दो डोज वाली है और इसे गेमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया है. इसे-18 डिग्री सेल्सियत तापमान पर रखना होता है. वैक्सीन के फ्रीज वर्जन को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है. इस खबर के चलते आज शेयर बाजार में भारी गिरावट के बाद भी डॉ रेड्डीज का शेयर 5 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ.
सितंबर 2020 में भारत में स्पुतनिक वी का क्लिनिकल ट्रायल
डॉ. रेड्डीज लैब ने पिछले हफ्ते भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सरकार की मंजूरी मांगी थी. रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने डॉ. रेड्डीज के साथ सितंबर 2020 में भारत में स्पुतनिक वी का क्लिनिकल ट्रायल किया था. स्पुतनिक-वी की वेबसाइट के अनुसार, रूसी वैक्सीन की प्रभावकारिता 91.6% है. यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में इसका तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है.
रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने वैक्सीन के बनाने के लिए हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विक्रो बायोटेक जैसी भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ करार किया था. बताया जा रहा है कि देश में स्पुतनिक वी वैक्सीन की 85 करोड़ खुराकें बनाई जाएंगी.
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दो वैक्सीन को पहले मिल चुकी है मंजूरी
इससे पहले DCGI ने देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को इमरजेंसी हालात में सीमित दायरे में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी. पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) जिस वैक्सीन का उत्पादन करती है, वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन है. वहीं कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और ICMR ने मिलकर विकसित किया है.