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जल्द ही बच्चों को भी कोविड -19 का टीका लगाया जाएगा.
Covid-19 vaccination for kids: जल्द ही बच्चों को भी कोरोना रोधी टीका लगाया जाएगा. एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, सरकार 18 साल से कम उम्र के लोगों के कोविड-19 टीकाकरण को लेकर गाइडलाइन तैयार कर रही है. इसकी घोषणा अगले सप्ताह के अंत तक होने की उम्मीद है. आंकड़ों के अनुसार, अब तक देश की 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक खुराक लग गई है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सूत्र ने बताया कि बच्चों को चरणबद्ध तरीके से कैसे टीका लगाया जाए या किस कैटेगरी के बच्चों को प्राथमिकता दी जाए, इस बारे में निर्णय महीने की शुरूआत में लिया जा सकता है. भारत बायोटेक के बच्चों पर कोवैक्सिन के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे भी 20-21 अक्टूबर के आसपास आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) की कोविड -19 स्टैंडिग कमेटी अगले कुछ दिनों में बच्चों के लिए वैक्सीन रोलआउट पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (NEGVEC) को अपनी वैज्ञानिक सिफारिशें प्रस्तुत करेगी.
NEGVEC के अध्यक्ष भारत के कोविड -19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल और इसके सह-अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण हैं. जानकारी के मुताबिक इनके द्वारा अलग-अलग कैटेगरी के बच्चों को वैक्सीनेशन में कैसे प्राथमिकता दी जाए, इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) के वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) का इस्तेमाल किया जाएगा. 12 साल से ऊपर के लोगों के लिए इस वैक्सीन के इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी मिल गई है.
इस बीच, NTAGI वल्नरेबल ग्रुप के आकार का अध्ययन कर रही है और इसके साथ ही वह बच्चों में कोमोरबिडिटी पर वैज्ञानिक डेटा की जांच कर रही है. इस संबंध में NTAGI की सिफारिशें आने के बाद NEGVEC वैक्सीन रोलआउट को लेकर अंतिम गाइडलाइन बनाएगी. भारत बायोटेक छह जगहों पर दो साल से ज्यादा आयु के स्वस्थ लोगों पर कोवैक्सिन की प्रतिरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और सुरक्षा का मूल्यांकन कर रहा है. एक अन्य नैनो-पार्टिकल प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन, कोवोवैक्स का भी बच्चों पर देश भर में 23 जगहों पर ट्रायल किया जाएगा. यह वैक्सीन यूएस-बेस्ड नोवोवैक्स का भारतीय वर्जन है और इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जाएगा. बच्चों के लिए बायोलॉजिकल ई-एस कॉर्बेवैक्स का ट्रायल भी जल्द ही 10 जगहों पर शुरू होगा.