/financial-express-hindi/media/post_banners/NfSe9fKV61unZfu514se.jpg)
केंद्र सरकार की नई कोरोना टीकाकरण नीति लागू होने के दूसरे दिन यानी मंगलवार को देश भर में 50 लाख से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए.
Covid-19 Vaccination in India Update: केंद्र सरकार की नई कोरोना टीकाकरण नीति लागू होने के दूसरे दिन यानी मंगलवार को देश भर में 50 लाख से ज्यादा लोगों को टीके लगाए गए. इससे पहले सोमवार को देश भर में रिकॉर्ड 86.16 लाख लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए टीके लगाए गए थे. दूसरे दिन लगाए गए टीकों की संख्या पहले दिन के मुकाबले काफी कम है. जिसे लगातार ऊंचे स्तर पर बनाए रखना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. इस बीच देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus) के मामले सामने आने की खबरें एक बार फिर से खतरे की घंटी बजा रही हैं. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत में वैरिएंट ऑफ कंसर्न है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस का नया वैरिएंट महामारी की तीसरी लहर के जल्द आने की आशंका को बढ़ा सकता है. इन आशंकाओं ने देश के सभी लोगों को जल्द से जल्द टीका लगाए जाने की जरूरत को और भी अहम बना दिया है.
टीकाकरण की रफ्तार को बनाए रखना होगा तेज
नई टीकाकरण नीति के जरिए केंद्र सरकार ने इस साल के अंत तक देश में 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण पूरा करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन इसके लिए सरकार को वैक्सीन लगाने की रफ्तार को लगातार तेज बनाए रखना होगा. केंद्र सरकार ने जुलाई और अगस्त में टीकाकरण कार्यक्रम और तेज़ करने की रणनीति बनाई है. इस रणनीति की सफलता टीकाकरण कार्यक्रम को कुशलता से लागू करने के साथ ही साथ वैक्सीन की उपलब्धता पर भी निर्भर है. अब तक सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महीने कोरोना के टीके की 12 करोड़ डोज़ लगाए जाने की उम्मीद की जा रही है, जबकि जुलाई में 13.5 करोड़ टीके लगाए जा सकते हैं. इसके मुकाबले मई के महीने में सिर्फ 7.5 करोड़ टीके ही लगाए जा सके थे.
Pfizer को मंजूरी आखिरी चरण में
वहीं, देश में अब फाइजर (Pfizer) को जल्द मंजूरी मिल सकती है. Pfizer के सीईओ Albert Bourla ने मंगलवार को कहा कि Pfizer अब भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए मंजूरी के आखिरी चरणों में है. उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि बेहद जल्द वे सरकार के साथ समझौते को अंतिम रूप देंगे.
फिलहाल देश में कोरोना के तीन टीके लगाए जा रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा तादाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रा जेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड लगाई जा रही है, जिसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है. दूसरी वैक्सीन है भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन. कोविशील्ड के बाद यही वैक्सीन सबसे ज्यादा लगाई जा रही हैं. तीसरी वैक्सीन रूस की स्पुतनिक V है, जिसे अब तक इंपोर्ट करके लगाया जाता रहा है, जिससे इसकी संख्या ज्यादा नहीं बढ़ सकी है. लेकिन जल्द ही भारत में बनने वाली स्पुतनिक V की सप्लाई भी शुरू होने की उम्मीद है, जिससे देश में वैक्सीन की उपलब्धता तेजी से बढ़ाई जा सकेगी. इन तीनों ही वैक्सीन को फिलहाल इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया है.
केंद्र सरकार ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए मुफ्त में टीके मुहैया कराने की नीति 21 जून से लागू की है. उससे पहले केंद्र सरकार सिर्फ 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ही वैक्सीन मुहैया करा रही थी. 18 से 44 साल वालों के लिए टीके खरीदकर उपलब्ध कराने का जिम्मा राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को दिया गया था. लेकिन 1 मई से लागू यह नीति सफल नहीं हुई तो 21 जून से नई टीकाकरण नीति लागू की गई, जो अब तक काफी कामयाब होती नजर आ रही है.
कितना खतरनाक है कोरोना वायरस का नया वैरिएंट, क्या तीसरी लहर में कहर मचाएगा डेल्टा प्लस?
इस बीच देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर भी चिंता बढ़ रही है. केंद्र ने डेल्टा-प्लस वैरिएंट पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को अलर्ट किया है. केंद्र ने इन राज्यों को इसके रिस्पॉन्स पर ध्यान देने के लिए कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों को कहा है कि इसके खिलाफ सार्वजनिक स्वास्थ्य के कदम बड़े तौर पर समान रहेंगे, लेकिन उन्हें पहले से ज्यादा फोकस्ड और प्रभावी तौर पर लागू करना होगा. राज्य के मुख्य सचिवों को जिलों और कलस्टर में तुरंत कंटेनमेंट के कदमों को उठाने की सलाह दी गई है. इनमें लोगों की भीड़ और इकट्ठा होने से रोकना, बड़े स्तर पर टेस्टिंग, तुरंत ट्रेसिंग और प्राथमिकता पर वैक्सीन की कवरेज बढ़ाना शामिल है.