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Covid-19 Vaccine: Covaxin पर केंद्र सरकार ने दी सफाई, कहा- वैक्सीन में बछड़े का सीरम मौजूद नहीं

Covid-19 Vaccine India: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साफ किया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में नए पैदा हुए बछड़े का सीरम मौजूद नहीं है.

Covid-19 Vaccine India: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साफ किया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में नए पैदा हुए बछड़े का सीरम मौजूद नहीं है.

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Covid-19 Vaccine health ministry clarified on covaxin says it does not contain calf serum

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साफ किया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में नए पैदा हुए बछड़े का सीरम मौजूद नहीं है.

Covid-19 Vaccine India Update: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को साफ किया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में नए पैदा हुए बछड़े का सीरम मौजूद नहीं है.  मंत्रालय ने इस मसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि बछड़े के सीरम का इस्तेमाल वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत में किया जाता है, लेकिन जो वैक्सीन बनकर तैयार होती है, उसमें यह मौजूद नहीं होता.

मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया गया है. इनमें ऐसे दावे किए गए हैं कि स्वदेशी कोवैक्सीन में नए पैदा हुए बछड़े का सीरम मौजूद है, जो सही नहीं है. बयान के मुताबिक वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में नए पैदा हुए बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वीरो सेल्स को तैयार करने और उनकी ग्रोथ के दौरान किया जाता है. लेकिन वैक्सीन बनाने की आगे की प्रक्रिया में वीरो सेल्स नष्ट हो जाते हैं और अंतिम रूप से जो वैक्सीन बनकर तैयार होती है, उसमें बछड़े के सीरम का कोई अंश मौजूद नहीं होता. बयान में बताया गया है कि बछड़े का सीरम एक स्टैंडर्ड तत्व है, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में वैक्सीन बनाते समय वीरो सेल्स की ग्रोथ के लिए किया जाता है.

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अंतिम प्रोडक्ट में सीरम नहीं

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस तकनीक को दशकों से पोलियो, रेबीज और फ्लू के खिलाफ वैक्सीन को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उसने बताया कि वीरो सेल्स को पानी और कैमिकल के साथ कई बार धोया जाता है, जिससे उनमें सीरम नहीं रहे. फिर वीरो सेल्स को वायरल ग्रोथ के लिए कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाता है.

मंत्रालय ने बयान में कहा कि वायरल ग्रोथ की प्रक्रिया में वीरो सेल्स पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं. आखिर में वायरस को भी इनेक्टिवेट किया जाता है. इस इनेक्टिवेटेड वायरस का इस्तेमाल ही वैक्सीन बनाने में किया जाता है. सरकार की तरफ से यह सफाई देने की नौबत इसलिए आई, क्योंकि कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने अपने एक ट्वीट में दावा किया है कि  आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने माना है कि कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम शामिल है. यह सीरम 20 दिन से भी कम उम्र के गाय के बछड़े को मारकर उसके जमे हुए खून से हासिल किया जाता है. ये बेहद जघन्य है! यह जानकारी पहले ही सार्वजनिक की जानी चाहिए थी.

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