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फाइजर को यूके, ब्रिटेन में कोविड19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली हुई है.
दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने भारत में अपने कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine ) के इमरजेंसी इस्तेमाल के आवेदन को वापस लेने का फैसला किया है. फाइजर ऐसी पहली कंपनी थी, जिसने ड्रग रेग्युलेटर जनरल आफ इंडिया (DCGI) से देश में कोविड-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी. कंपनी ने यह फैसला ब्रिटेन और UK में इस तरह की मंजूरी के बाद किया था.
फाइजर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘अपने कोविड-19 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मांग के क्रम में, फाइजर ने 3 फरवरी को ड्रग नियामक प्राधिकरण की विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक में भाग लिया. बैठक में विचार-विमर्श और अतिरिक्त जानकारी जुटाने के बाद, कंपनी ने इस समय अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया है.‘‘
Pfizer बातचीत जारी रखेगी
कंपनी का कहना है, फाइजर का संबंधित अथाॅरिटी के साथ बातचीत जारी रहेगी और भविष्य में वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर अनुमोदन अनुरोध को फिर से जारी किया जाएगा. फाइजर, भारत में सरकार की ओरसे उपयोग के लिए अपने वैक्सीन को उपलब्ध कराने और इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए रेग्युलेटर के साथ मिलकर आगे कदम उठाएगी.
सूत्रों के अनुसार, फाइजर ने ड्रग रेग्युलेटर से दिसंबर 2020 में न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल नियमों के तहत विशेष प्रावधानों के तहत भारतीय आबादी पर क्लिनिकल ट्रायल की छूट के अलावा वैक्सीन की भारत में आयात, बिक्री और डिस्ट्रिब्यूशन की अनुमति मांगी थी.
देश में फिलहाल दो कोरोना वैक्सीन आक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिली हुई है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड का प्रोडक्शन करती है. सीरम दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन मैन्युफैक्चरर है.
19 दिन में 44 लाख से ज्यादा वैक्सीनेशन
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम चल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 4 फरवरी तक देश में सिर्फ 19 दिनों में 44,49,552 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई. भारत सिर्फ 18 दिनों में 40 लाख कोविड-19 टीकाकरण करने वाला दुनिया का सबसे तेज देश बन गया है.