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Covid-19 Vaccine in India: टीकाकरण की तैयारी! भारत में कब से मिलने लगेगी कोरोना वैक्सीन, अबतक का फुल अपडेट

Covid-19 Vaccine in India: भारत में कबसे कोरोना वायरस की वैक्सीन मिलने लगेगी.

Covid-19 Vaccine in India: भारत में कबसे कोरोना वायरस की वैक्सीन मिलने लगेगी.

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FE Online
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Covid-19 Vaccine in India

The number of home quarantined cases from late October had increased to 23,479 on November 26.

Covid-19 Vaccine in India Latest Update: आज पीएम नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्य मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हें, जिसका मुद्दा कोरोना वायरस होगा. इसमें संभव है कि इस बात पर भी चर्चा हो कि देश में टीकाकरण की क्या रणनीति है और कबसे आम लोगों तक कोविड वैक्सीन की पहुंच होने लगेगी. फिलहाल अलग अलग कंपनियों ने भी जल्द बाजार में वैक्सीन उतारने की बात कही है. कोवैक्सीन (covaxin) के मार्च तक बाजार में आने की उम्मीद है. वहीं, कोविशील्‍ड (covishield) वैक्‍सीन के तो जनवरी तक ही बाजार में आ जाने की संभावना है. दुनियाभर की और भी कंपनियों ने इस तरह के दावे किए हैं, जिनकी वैक्सीन आई तो भारत में उन्हें मंगाया जा सकेगा.

कोवैक्सीन

इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और प्राइवेट कंपनी भारत बायोटेक मिलकर देश में कोरोना वैक्सीन COVAXIN डेवलप कर रहे हैं. इसी महीने इस वैक्सीन के तीसरे और फाइनल चरण का ट्रॉयल शुरू हुआ है. घरेलू स्तर पर बन रहे इस कोविड 19 वैक्सीन के फरवरी या मार्च तक लांच हो जाने की उम्मीद है. वहीं, उम्मीद है कि जुलाई के अंत तक 20 से 25 करोड़ लोगों को देश में इसका फायदा भी मिल सकता है. टीके का फाइनज स्टेज ट्रॉयल अगले महीने तक पूरा होने वाला है.

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देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने यह जानकारी दी थी कि कोवैक्सीन का फाइनल स्टेज ट्रॉयल चल रहा है, जो 2 महीने के अंदर पूरा हो जाएगा. यह भारत की सबसे एडवांस एक्सपेंरिमेंटल वैक्सीन है. यह वैक्सीन सबसे पहले उन लोगों तक पहुंचाई जाएगी जो हाई रिस्क पर है. फिर धीरे धीरे आम लोगों तक पहुंचाई जाएगी.

कोवीशील्ड

देश में बन रहा आक्सफोर्ड का टीका कोवीशील्ड ट्रॉयल में 70 फीसदी तक कारगर साबित हुआ है. इस टीके को एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर डेवलप किया जा रहा है. भारत में इसके निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से करार है. सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने कहा है कि दुनियाभर मे कम लागत पर इस टीके की आपूर्ति करने के हम बहुत करीब पहुंच चुके हैं. उनका कहना है कि जनवरी तक इस वैक्‍सीन की 10 करोड़ डोज उपलब्‍ध करा दी जाएंगी. इसके साथ ही फरवरी के अंत तक लाखों और डोज उपलब्‍ध कराने की योजना है.

पूनावाला ने कहा कि भारत में यह वैक्‍सीन उपलब्‍ध होने में करीब 2 से 3 महीने का समय लगेगा. लेकिन जनवरी तक हमारे पास कम से कम करीब 10 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगी. वहीं सरकार द्वारा जुलाई तक 30 से 40 करोड़ डोज उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य है.

मॉडर्ना

मॉडर्ना की वैक्सीन अप्रैल तक बाजार में आ सकती है. पहले इसके दिसंबर तक बाजार में आने का दावा किया गया था. फिलहाल ट्रॉयल में 94.5 फीसदी तक कारगर साबित हुई है. मॉडर्ना इंक कहा है कि वह सरकारों से अपनी वैक्सीन कैंडिडेट के लिए प्रति डोज 25 से 37 डॉलर (1,854 से 2,744 रु के करीब) लेगी. सरकारें जितनी मात्रा में वैक्सीन का ऑर्डर देंगी, कीमत भी उसी के आधार पर तय होगी. कंपनी कह चुकी है कि उसकी वैक्सीन कैंडिडेट कोविड-19 को रोकने में 94.5% असरदार है. आखिरी स्टेज के क्लिनिकल ट्रायल से मिले अंतरिम डेटा के आधार पर यह कहा गया है.

फाइजर

फाइजर इंक (Pfizer Inc.) की कोविड19 वैक्सीन के आखिरी चरण के ट्रायल के अंतिम नतीजों से सामने आया है कि वैक्सीन कैंडिडेट 95 फीसदी कारगर है. कंपनी ने कहा है कि फाइजर के पास 2 माह का जरूरी सेफ्टी डाटा है. फाइजर इस साल के अंत तक अपनी पवैक्सीन बाजार में उतार सकती है.

150 करोड़ डोज की बुकिंग

एक अच्छी खबर यह आ रही है कि भारत ने 150 करोड़ से अधिक डोज खरीदने के लिए एडवांस बुकिंग कर ली है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन डोज खरीद प्रतिबद्धता के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी के एक शोध पर आधारित है, जिसे लांच एंड स्केल स्पीडोमीटर इनिशिएटिव नाम दिया गया है. वाल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक सबसे ज्यादा वैक्सीन खरीद की डील पक्की करने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है तो अमेरिका पहले नंबर पर और यूरोपियन यूनियन दूसरे नंबर पर है. बता दें कि कोरोना वायरस के खात्मे के लिए दुनियाभर की 150 से ज्यादा कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रही हैं.