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Image: Reuters
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फार्मा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने अपनी संभावित कोविड-19 वैक्सीन ZyCoV-D का इंसानों पर ट्रायल शुरू कर दिया है. कंपनी ने एक नियामकीय जानकारी में बताया कि पहले चरण में वह देश के विभिन्न हिस्सों में 1000 लोगों को इसके लिए इनरॉल करेगी. कंपनी ने कहा कि ZyCoV-D का एडेप्टिव फेज I/II ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल पहली इंसानी डोज के साथ शुरू हो चुका है. इस मल्टी सेंट्रिक स्टडी में वैक्सीन की सेफ्टी, टॉलेरेबिलिटी (सहनशीलता) और इम्यूनोजेनिसिटी (प्रतिरक्षाजनकता) का आकलन किया जाएगा.
इस माह की शुरुआत में जायडस को संभावित कोविड-19 वैक्सीन के मानवों पर ट्रायल के लिए संबंधित संस्थाओं से मंजूरी मिल गई थी. जायडस कोविड-19 की संभावित वैक्सीन के इंसानी ट्रायल के लिए मंजूरी पाने वाली दूसरी भारतीय फार्मा कंपनी है.
भारत बायोटेक है पहली भारतीय कंपनी
संभावित कोविड19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल्स के लिए भारत के दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी पाने वाली पहली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक है. भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ओर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर COVAXIN नामक संभावित वैक्सीन को विकसित किया है.
वैक्सीन की रेस में ये सबसे आगे
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी 21 कैंडिडेट वैक्सीन के ह्यूमन वॉलंटीयर्स पर क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं. इनमें से 3 इन ट्रायल्स के तीसरे चरण में हैं. कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने की रेस में अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना, यूके की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका और चीन की सिनोवैक बायोटेक फिलहाल सबसे आगे चल रही हैं.
Moderna की वैक्सीन पर नया खुलासा
मॉडर्ना द्वारा विकसित की गई एक्सपेरिमेंटल कोविड19 वैक्सीन स्वस्थ वयस्कों में कोरोना से लड़ने वाली न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज को विकसित करने में सक्षम है. हालांकि कई मरीजों में इसके माइनर साइड इफेक्ट्स भी मिले हैं. यह जानकारी मॉडर्ना की कैंडीडेट वैक्सीन के चल रहे ट्रायल के शुरुआती चरणों की नई स्टडी से मिली है. ये फाइंडिंग्स उस स्टडी की हैं, जो अमेरिका के सियाटल और एमोरी यूनिवर्सिटी में 18 से 55 साल की उम्र के 45 पार्टिसिपेंट्स पर की गई.
स्टडी के मुताबिक, कैंडीडेट वैक्सीन mRNA-1273 ने सभी पार्टिसिपेंट्स में नोवल कोरोनावायरस SARS-CoV-2 के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्सेज को प्रेरित किया. हालांकि आधे से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स ने थकान, सिरदर्द, ठंड लगने और दर्द की शिकायत की. वैज्ञानिकों ने कहा कि सिस्टेमेटिक प्रतिकूल प्रभाव दूसरे वैक्सीनेशन के बाद अधिक कॉमन रहे. उन लोगों में साइड इफेक्ट्स उच्च रहे, जिन्हें वैक्सीन की सबसे उच्च डोज दी गई.