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कोरोना काल में रियल एस्टेट के लिए बनेंगे अवसर, सस्ते और लग्जरी मकानों की बढ़ सकती है मांग

कोविड19 महामारी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में मांग में और इजाफा होने का अनुमान है.

कोविड19 महामारी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में मांग में और इजाफा होने का अनुमान है.

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CREDAI has asked all allied industries, which supply building materials to the real estate developers, to make products locally.(File Image: PTI)

Covid19 will eventually emerge as an opportunity for the real estate sector Image: PTI

आवास न केवल सुरक्षित है, बल्कि आश्रय की बुनियादी आवश्यकता को भी पूरा करता है. घर खरीदने के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव होता है. परिवारों के विस्तार के साथ, बेहतर रोजगार की संभावनाओं के लिए लोगों के अन्य शहरों में जाने और शहरी भारत में एकल परिवार कॉन्सेप्ट का चलन बढ़ने से आवासीय संपत्तियों की मांग में वृद्धि हुई है. वर्तमान में कोविड-19 महामारी का दौर रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक अवसर के रूप में उभरेगा क्योंकि खरीदारों ने गुणवत्ता वाले घर में रहने के महत्व को जान लिया है. आवास न केवल सुरक्षित है, बल्कि आश्रय की बुनियादी आवश्यकता को भी पूरा करता है.

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कोविड-19 महामारी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में मांग में और इजाफा होने का अनुमान है. इसकी एक वजह यह है कि वैश्विक स्तर पर कोविड19 महामारी फैलने के चलते बहुत सारे NRI भारत लौट रहे हैं. NRI ज्यादातर लग्जरी और अफोर्डेबल लग्जरी सेगमेंट में प्रॉजेक्ट को पसंद करते हैं. रुपये में गिरावट, संपत्ति की तर्कसंगत कीमतों और अच्छी संपत्तियों की उपलब्धता को देखते हुए यह समय विदेशी निवेशकों/एनआरआई के लिए भारत के रियल एस्टेट में निवेश करने का सही समय है.

ये भी हैं वजह

इसके अलावा सरकार ने कोरोना काल में राहत प्रदान करने के लिए कई घोषणाएं कीं. सरकार ने अपने आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों, गरीबों और हाशिये पर रहने वाले लोगों के लिए किफायती किराये के आवास परिसरों को विकसित करके रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने की अपनी योजना की भी घोषणा की. इस डेवलपमेंट को पीपीपी मॉडल के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा और यह उन लोगों के लिए घरों की कमी के मुद्दे को हल करने में मदद करेगा जो बेहतर रोजगार अवसरों के लिए देश के अन्य हिस्सों की यात्रा करते हैं. मध्यम वर्ग को और राहत देने के लिए, पीएम आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) की योजना एक और वर्ष के लिए है. यह कदम किफायती आवास की मांग को बढ़ावा देगा.

AIF जैसे फंड की रियल एस्टेट इंडस्ट्री को जरूरत

रियल एस्टेट क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से रुकी या अटकी हुए प्रॉजेक्ट्स की समस्या का सामना कर रहा है. बड़ी संख्या में अटके प्रॉजेक्ट्स को लेकर किए गए स्ट्रक्चर्ड उपायों में से एक उपाय नवंबर 2019 में सरकार द्वारा 25,000 करोड़ रुपये के अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) की शुरुआत के रूप में सामने आया. इसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में रुके हुए रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट्स को रिवाइव करना है. एआईएफ जैसे समर्पित फंड की ही रियल एस्टेट इंडस्ट्री को आवश्यकता है. यह रुकी हुई परियोजनाओं को ट्रैक पर लाएगा, जिससे डेवलपर्स, बैंक और अन्य फंडिंग बॉडीज और अंत में उपभोक्ता को मदद मिलेगी.

लगभग 1,500 से अधिक किफायती आवास प्रॉजेक्ट विभिन्न कारणों से अटके हुए हैं. इन प्रॉजेक्ट्स में लगभग 4.58 लाख आवास इकाइयां हैं. इन अटके प्रॉजेक्ट्स में से अधिकांश एआईएफ से मिलने वाले फंड का लाभ उठाने के पात्र हैं. सरकार के 25,000 करोड़ रुपये के एआईएफ का प्रबंधन करने वाले SBICAP Ventures ने हाल ही में नकदी की कमी का सामना कर रहे डेवलपर्स को राहत प्रदान करने के लिए स्ट्रेस फंड की इंटर्नल रेट ऑफ रिटर्न (आईआरआर) अपेक्षाओं को 15% से घटाकर 12% कर दिया है. स्पेशल विंडो का नाम 'SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड- I' है. यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर के सामने खड़े लिक्विडिटी की समस्या को दूर करने में मदद करेगा और मिड व किफायती हाउसिंग सेगमेंट में डेवलपर्स को मदद करेगा, जो कोविड19 और बाद में हुए लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए हैं.

अपनाने होंगे डिजिटल और ऑनलाइन माध्यम जैसे ट्रेंड्स

कोविड-19 के बाद का परिदृश्य केवल रुके हुए रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट्स के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे हो चुके प्रॉजेक्ट्स और नए प्रॉजेक्ट्स के लिए भी अलग होगा. मौजूदा दौर अर्थव्यवस्था और सभी सेक्टर्स के लिए कठिन वक्त है. रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए इनोवेशन और अपने संभावित खरीदारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल और ऑनलाइन माध्यम जैसे नए ट्रेंड्स को अपनाना सर्वाइवल और ग्रोथ के लिए आवश्यक होगा.

रियल एस्टेट किसी भी व्यक्ति के लिए सुरक्षित दीर्घकालिक निवेश में से एक है. हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से के पास अभी भी अपना खुद का घर या अपनी पसंद का घर नहीं है. 2022 तक "हाउसिंग फॉर ऑल" की सरकार की पहल के साथ कामगार वर्ग की बढ़ती आबादी रियल एस्टेट के लिए मांग को पुनर्जीवित करेगी.

By: Manju Yagnik, Vice President NAREDCO (Maharashtra)

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