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कोविशील्ड में मामूली जोखिम, प्रति 1.10 करोड़ डोज पर आ सकती है ऐसी दिक्कत : रिसर्च

ब्रिटेन में हुई स्टडी में कहा गया है कि प्रति एक करोड़ दस लाख डोज पर इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परपरा यानी ITP की समस्या आ सकती है. ऐसे ही आंकड़े फ्लू, चेचक, मम्स और रूबेला के टीकों के भी हैं.

ब्रिटेन में हुई स्टडी में कहा गया है कि प्रति एक करोड़ दस लाख डोज पर इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परपरा यानी ITP की समस्या आ सकती है. ऐसे ही आंकड़े फ्लू, चेचक, मम्स और रूबेला के टीकों के भी हैं.

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As part of the nationwide vaccination drive, the Government of India has been supporting the states and UTs by providing them COVID-19 vaccines free of cost.

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Corona vaccination : दुनिया भर में विकसित कोरोना के टीकों के साइड इफेक्ट पर स्टडी जारी है. इनमें एस्ट्राजेनेका के टीके भी शामिल हैं. भारत में कोविशील्ड के नाम से बने रहे इस टीके के अध्ययन से पता चला है कि इससे प्लेटलेट की कमी से ब्लड कंडीशन को लेकर थोड़ा-बहुत जोखिम हो सकता है. हालांकि इसे कोई गंभीर दिक्कत नहीं बताया गया है. ब्रिटेन में हुई स्टडी में कहा गया है कि प्रति एक करोड़ दस लाख डोज पर इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परपरा यानी ITP की समस्या आ सकती है. ऐसे ही आंकड़े फ्लू, चेचक, मम्स और रूबेला के टीकों के भी हैं.

पहले सी बीमार बुजुर्गों को हो सकती है थोड़ी दिक्कत

इस अध्ययन में कहा गया है कि कोविशील्ड से प्लेटलेट्स ( रक्त कोशिकाएं जो धमनियों को नुकसान पहुंचने पर खून बहने से रोकता है) की कमी के लक्षण दिखाई नहीं भी दे सकते हैं लेकिन इससे रक्तस्राव का जोखिम बढ़ सकता है. कुछ मामलों में खून का थक्का भी जम सकता है. एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के सिसर्चरों की टीम के मुताबिक ITP का जोखिम ज्यादा बुजुर्गों का हो सकता है. खास कर 70 साल के आसपास के लोगों को. वो भी उन लोगों को जिन्हें पहले से ही हृदय रोग, डाइबिटीज का किडनी की पुरानी बीमारी हो. रिसर्चर खून के थक्के जमने और सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस या CVST जैसी दुर्लभ स्थिति में कोई निश्चित संबंध नहीं खोज पाए. यह अध्ययन स्कॉटलैंड के 54 लाख लोगों पर किया गया था. इनमें से 25 लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली थी.

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विश्लेषकों ने कहा, कोविशील्ड बेहद सुरक्षित टीका

हालांकि दुनिया भर के विश्लेषकों का कहना है कि एस्ट्रा जेनेका (भारत में इसे कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है) के टीकों का स्वास्थ्य पर कोई गंभीर असर नहीं है. यह सुरक्षित टीका है. एक करोड़ दस लाख लोगों में इस तरह के हल्के जोखिम की आशंका को देखते हुए इसे काफी सुरक्षित टीका कहा जा सकता है. लोगों को निश्चित होकर कोविशील्ड का टीका लगवाना चाहिए.

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