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The current mandate, set in 2016, requires the RBI to keep headline inflation at the 4% midpoint of its target range.
खुदरा महंगाई (Retail Inflation) सितंबर माह में एक बार फिर बढ़ी और 7.34 फीसदी के स्तर पर जा पहुंची है. इसकी वजह खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतें रहीं. यह 8 माह का उच्च स्तर है. यह जानकारी सरकारी आंकड़ों से मिली है. इससे आने वाले वक्त में रिजर्व ​बैंक के लिए ब्याज दर घटाकर ग्रोथ को बूस्ट देने की कोशिश और मुश्किल हो सकती है. खाने के सामान की महंगाई दर कुछ कम होने से अगस्त 2020 में खुदरा महंगाई में थोड़ी राहत ​मिली थी और यह जुलाई के 6.73 फीसदी के स्तर से कम होकर 6.69 फीसदी दर्ज की गई थी. सितंबर 2019 में खुदरा महंगाई 3.99 फीसदी थी.
पिछली बार खुदरा महंगाई का सबसे उच्च स्तर 7.59 फीसदी था, जो जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था. बता दें कि खुदरा महंगाई ​अक्टूबर 2019 से 4 फीसदी के स्तर से अधिक पर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य पदार्थों की महंगाई सितंबर में बढ़कर 10.68 फीसदी हो गई, जो अगस्त में 9.05 फीसदी थी. सब्जियों की खुदरा महंगाई सितंबर में 20.73 फीसदी रही, जो अगस्त में 11.41 फीसदी थी. अंडों की महंगाई सितंबर में 15.47 फीसदी रही, जो अगस्त में 10.11 फीसदी थी.
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औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर झटका
दूसरी ओर अगस्त माह में औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर झटका लगा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले माह औद्योगिक उत्पादन 8 फीसदी गिर गया. इसके पीछे मुख्य वजह मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग व पावर जनरेशन सेक्टर्स में कम उत्पादन है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) डेटा के मुताबिक, अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 8.6 फीसदी गिरा, जबकि माइनिंग व पावर जनरेशन सेगमेंट में उत्पादन को क्रमश: 9.8 फीसदी और 1.8 फीसदी का झटका लगा. अगस्त में कैपिटल गुड्स सेगमेंट में उत्पादन 15.4 फीसदी गिरा. इसी तरह कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के उत्पादन में 10.3 फीसदी और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल गुड्स के मामले में 3.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
अगस्त 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 1.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोविड19 आने के बाद के महीनों के IIP की महामारी से पहले के महीनों के IIP से तुलना करना सही नहीं होगा. प्रतिबंधों में धीरे-धीरे मिली छूट से आर्थिक गतिविधियों में सुधार आया है.
मई व जुलाई के आंकड़े में संशोधन
इस बीच जुलाई में IIP में गिरावट के आंकड़े को संशोधित कर (-)10.8 फीसदी किया गया है, जो पहले (-)10.4 फीसदी था. इसी तरह मई के आंकड़े को भी मामूली तौर पर संशोधित कर 33.9 फीसदी से 33.4 फीसदी किया गया है. जून में IIP में (-) 15.8 फीसदी ​की गिरावट दर्ज की गई थी.