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CPI: अक्टूबर माह में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के मामले में बड़ा झटका लगा है. खाने पीने की चीजों, मुख्यत: सब्जियों और अंडों की बढ़ी कीमतों की वजह से पिछले माह खुदरा महंगाई बढ़कर 7.61 फीसदी हो गई. यह जानकारी सरकारी आंकड़ों से मिली है. खुदरा महंगाई का यह स्तर लगभग साढ़े 6 साल का हाई है. इससे पहले खुदरा महंगाई का सबसे उच्च स्तर मई 2014 में दर्ज किया गया था, जो कि 8.33 फीसदी है. सितंबर 2020 में खुदरा महंगाई 7.27 फीसदी के स्तर पर रही थी. अक्टूबर 2019 में खुदरा महंगाई 4.62 फीसदी दर्ज की गई थी.
लगातार दूसरे माह खुदरा महंगाई 7 फीसदी के स्तर से ऊपर रही है. आंकड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) बढ़कर अक्टूबर में 11.07 फीसदी पर पहुंच गया, जो सितंबर में 10.68 फीसदी था. अक्टूबर 2019 में यह 4.62 फीसदी था.
सब्जियों की महंगाई 22.51% बढ़ी
अक्टूबर 2020 में सब्जियों की खुदरा महंगाई बढ़कर 22.51 फीसदी रही. मांस व मछली की महंगाई बढ़कर 18.70 फीसदी, अंडों की महंगाई बढ़कर 21.81 फीसदी हो गई. इन दोनों सेगमेंट में सितंबर में खुदरा महंगाई क्रमश: 17.60 फीसदी और 15.47 फीसदी रही थी. अक्टूबर में ईंधन व बिजली कैटेगरी में खुदरा महंगाई नरम होकर 2.28 फीसदी पर आ गई, जो सितंबर में 2.87 फीसदी थी. दुग्ध व दुग्ध उत्पादों के मामले में महंगाई घटकर 5.20 फीसदी रही, जो सितंबर में 5.64 फीसदी थी.
ग्रोथ को बूस्ट देने की कोशिश हो सकती है मुश्किल
सरकार की ओर से RBI को महंगाई को 4 फीसदी (+, -2 फीसदी) के दायरे में रखने का आदेश है. खुदरा महंगाई के बढ़े स्तर से से आने वाले वक्त में रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दर घटाकर ग्रोथ को बूस्ट देने की कोशिश और मुश्किल हो सकती है. खाने के सामान की महंगाई दर कुछ कम होने से अगस्त 2020 में खुदरा महंगाई में थोड़ी राहत मिली थी और यह जुलाई के 6.73 फीसदी के स्तर से कम होकर 6.69 फीसदी दर्ज की गई थी. बता दें कि खुदरा महंगाई अक्टूबर 2019 से 4 फीसदी के स्तर से अधिक पर है.