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The scientist suggested that based on the manner in which the commodity is sold, suitable equipment like oil extraction machinery for jasmine, or conversion of fruits into juice, are important for value addition.
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PMFBY 2.0: केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मौजूदा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव किये जाने के बाद फसल बीमा के प्रीमियम में बदलाव आ सकता है. एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी है. नई फसल बीमा योजना PMFBY 2.0 के तहत सरकार ने किसानों के लिए इसे वैकल्पिक बनाते हुए बड़ा बदलाव किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्कीम को फरवरी 2016 में लॉन्च किया था. उस समय सभी लोन लेने वाले किसानों के लिए PMFBY के अंतर्गत इंश्योरेंस लेना अनिवार्य किया गया था. अभी करीब 58 फीसदी किसानों ने लोन लेकर खेती-किसानी कर रहे हैं.
एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मलय कुमार पोद्दार ने पीटीआई को बताया, ''हम विस्तृत दिशानिर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं. जी हां! मेरा मानना है कि स्कीम में नए बदलाव के बाद हमें फसल बीमा के अपने प्रोडक्ट और प्रीमियम की समीक्षा करनी होगी.'' सरकारी फसल बीमा कंपनी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि फसल बीमा का प्रीमियम बढ़ेगा या नहीं. लेकिन, एक्सपर्ट मान रहे हैं कि एक निश्चित रिस्क कवरेज के लिए इसमें बढ़ोतरी हो सकती है.
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PMFBY 2.0: जरूरत के अनुसार रिस्क कवर का विकल्प
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक बीमा कंपनी के अधिकारी ने कहा, ''अब, कृषि लोन लेने वाले और लोन न लेने वालों के लिए फसल बीमा वैकल्पिक हो गई है. इससे कवरेज लेने वाले किसानों की संख्या कम होगी, इसके चलते अंडरराइटिंग लागत में बढ़ोतरी आएगी.'' मौजूदा स्कीम में फसल बीमा कवरेज में 5 राइडर हैं लेकिन नई स्कीम प्रत्येक किसान अपनी जरूरत के अनुसार रिस्क कवर ले सकता है.
AICIL के पास फिलहाल देश में फसल बीमा उपलब्ध कराने का लाइसेंस है और उसने इरडा से कृषि और उससे जुड़े सेक्टर के अलग—अलग क्षेत्र में कवरेज के लिए अधिक प्रोडक्ट लाने की इजाजत मांगी है. कंपनी का कहना है कि ग्रामीण आबादी के लिए वह व्यापक बीमा उत्पाद लाना चाहती है. इसमें वह सिर्फ फसल बीमा तक सीमित नहीं रहना चाहती है.