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अप्रैल-जून में चालू खाते का सरप्लस 19.2 अरब डॉलर रहा था. Image: PTI
Current Account Surplus: देश का चालू खाते का अधिशेष (सरप्लस) मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कम होकर 15.5 अरब डॉलर रह गया. यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 फीसदी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि इससे पूर्व तिमाही अप्रैल-जून में चालू खाते का सरप्लस 19.2 अरब डॉलर रहा था, जो कि जीडीपी का 3.8 फीसदी था.
RBI का कहना है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में चालू खाते के सरप्लस में कमी का कारण मर्चेंडाइज व्यापार घाटा में वृद्धि है, जो 14.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इससे पिछली तिमाही में मर्चेंडाइज व्यापार घाटा 10.8 अरब डॉलर था.
H1 में चालू खाते का सरप्लस GDP का 3.1%
पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा (करंट अकाउंट डेफिसिट) 7.6 अरब डॉलर रहा था. यह जीडीपी का 1.1 फीसदी था. आरबीआई के आंकड़े के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में चालू खाते का सरप्लस जीडीपी का 3.1 फीसदी रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में चालू खाते का घाटा 1.6 फीसदी रहा था. इसकी वजह व्यापार घाटे में तेज गिरावट थी.
FY21 में CAP दर्ज कर सकता है देश
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम कह चुके हैं कि चालू वित्त वर्ष में भारत चालू खाते का सरप्लस (सीएपी) दर्ज कर सकता है. कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में उत्पादन अधिक है, जबकि मांग कम है यानी ‘अंडर हीटिंग’ की स्थिति है, इसके चलते आयात घटेगा. इससे देश चालू खाते का सरप्लस हासिल कर सकता है.