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Cyclone Biparjoy: गुजरात के आठ जिले चक्रवात की मार झेल रहे हैं. (PTI)
Cyclone Biparjoy: गुजरात में कहर बरपाने के बाद चक्रवात बिपारजॉय आज राजस्थान की ओर बढ़ चुका है. हालांकि गुजरात के जखाऊ बंदरगाह पर लैंडफॉल करने के बाद बिपार्जॉय की तीव्रता 'बहुत गंभीर' से 'गंभीर' हो गई है, इसका मतलब है कि राजस्थान में इसका असर कम होगा. अभी तक गुजरात में तेज हवाओं ने सैकड़ों पेड़ों को उलट दिया और कई टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. यहीं नहीं कई जगज बिजली के खंभे भी उखड़ चुके हैं, जिसके वजह जनजीवन काफी प्रभावित हुई है.
तूफान से दो लोगों की मौत, 23 घायल
चक्रवात बिपरजॉय का लैंडफॉल गुरुवार शाम करीब 6.30 बजे शुरू हुआ, जिससे भारी बारिश हुई और 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लगीं. तूफान की वजह से दो लोग जान गवां चुके हैं. राम परमार नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु तब हो गई जब भावनगर शहर के बाहरी इलाके में सोदवादर गांव में डूब रही अपनी भेड़ों के झुंड को बचाने की कोशिश कर रहा था. NDRF के अनुसार, गुरुवार को द्वारका, जामनगर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट में कम से कम 23 लोगों के घायल होने की सूचना है. इसके अलावा, तूफान में कुल 24 जानवरों के मरने की खबर है. अभी तक 1.08 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.
इन क्षेत्रों में रहा है सबसे ज्यादा असर
गुजरात के आठ जिले चक्रवात की मार झेल रहे हैं जिसमें कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट शामिल हैं. तूफानी तबाही में कई पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए और कई जगहों बिजली गुल हो गई है. अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा कि चक्रवाती तूफान के कारण तट के साथ कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति बाधित होने से लगभग 940 गांव अंधेरे में डूब गए. अधिकारियों ने कहा कि द्वारका में बुधवार से तेज हवाओं के कारण 350 से अधिक बिजली के खंभे गिर गए हैं. पश्चिम गुजरात विज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PGVCL) ने बिजली की त्वरित बहाली के लिए अधिकारियों और इंजीनियरों की 17 टीमों को जिले में स्थानांतरित कर दिया है. जखाऊ गांव के सरपंच अब्दुल सुमरा के मुताबिक, कई घरों की टाइल और फाइबर से बनी छत उड़ गई है.
NDRF का क्या है कहना?
केंद्र सरकार ने गुरुवार को एनडीआरएफ की 19 टीमों को गुजरात में तैनात किया था, इनमें से सबसे ज्यादा छह टीमें कच्छ में थीं. NDRF की 12 टीमें भी चक्रवात के प्रभाव को कम करने में लगी हुई हैं. गुरुवार को गांधीनगर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर में एक बैठक में, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को "प्रभावितों को नकद सहायता, घरेलू सामान, और पशु सहायता" प्रदान करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को सीएम पटेल को फोन कर हालात का जायजा लिया था. राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "उन्होंने गिर के जंगल में शेरों और अन्य जंगली जानवरों के बारे में भी चिंता व्यक्त की."
आज क्या है स्थिती?
आईएमडी ने कहा है कि चक्रवात बिपारजॉय के उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और शुक्रवार दोपहर तक सौराष्ट्र और कच्छ के आसपास एक चक्रवाती तूफान में कमजोर पड़ने की उम्मीद है. आईएमडी गुजरात के निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, उत्तर गुजरात के बनासकांठा और पाटन जैसे जिलों में अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. IMD ने कहा, “16 और 17 जून को दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. इसका प्रभाव अगले दो से तीन दिनों तक बना रहेगा. इनमें से कुछ प्रभाव दिल्ली, हरियाणा और उनके आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस किए जाएंगे."