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Dada Saheb Phalke Award: आशा पारेख को सिनेमा जगत का सबसे बड़ा अवार्ड, ये हैं उनकी 5 आइकॉनिक फिल्में

30 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विज्ञान भवन में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम में आशा पारेख को यह अवॉर्ड देंगी. आशा पारेख दादा साहब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली 52वीं हस्ति हैं.

30 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विज्ञान भवन में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम में आशा पारेख को यह अवॉर्ड देंगी. आशा पारेख दादा साहब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली 52वीं हस्ति हैं.

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FE Hindi Desk
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Dada Saheb Phalke Award: आशा पारेख को सिनेमा जगत का सबसे बड़ा अवार्ड, ये हैं उनकी 5 आइकॉनिक फिल्में

आशा पारेख ने हिन्दी के साथ ही पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ समेत कुल 95 फिल्मों में अपना अभिनय दिखाया है.

Dadasaheb Phalke Award : फिल्मों में अपनी अदाकारी से लाखों दिलों को जीतने वाली अभिनेत्री आशा पारेख को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए फिल्मी जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 30 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विज्ञान भवन में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम में आशा पारेख को यह अवॉर्ड देंगी. आशा पारेख दादा साहब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली 52वीं हस्ति हैं. राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कारों का ऐलान करते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, 'आशा भोंसले, हेमा मालिनी, उदित नारायण, पूनम ढिल्लों और टीएस नागभरण की सदस्यता वाली दादा साहब फाल्के समिति ने इस अवॉर्ड के लिए आशा पारेख के नाम का चयन किया है. 

साल 1992 में आशा पारेख को पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. आशा पारेख ने हिन्दी के साथ ही पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ समेत 95 फिल्मों में अपना अभिनय दिखाया है. आशा पारेख 1998 से 2001 के बीच केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी CBFC की अध्यक्ष रहीं हैं.

आशा पारेख की कुछ आइकॉनिक फिल्में

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आशा पारेख की हिन्दी फिल्मों की बात करें तो दिल देके देखो, कटी पतंग, तीसरी मंजिल, आन मिलो सजना, लव इन टॉकियो, उपकार, दो बदन, आया सावन झूम के और 'कारवां' जैसी हिट फिल्मों में काम किया है.

दिल देके देखो चित्र

साल 1959 में आई फिल्म दिल देके देखो का निर्देशन और स्टोरी नासिर हुसैन ने लिखी थी. इस फिल्म में शम्मी कपूर, आशा पारेख, सुलोचना लाटकर, राज मेहरा, रणधीर, राजेन्द्रनाथ, वस्ती, मुमताज़ अली, इन्दिरा, सुरेन्द्र ने अभिनय किया था. इस फिल्म ने आशा पारेख को बुलंदी की ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया.

कटी पतंग

साल 1971 में आई फिल्म कटी पतंग के निर्माता और निर्देशक शक्ति सामंत थे. इस फिल्म की कहानी वृजेन्द्र सिंह और पटकथा गुलशन नन्दा ने लिखे थे. इस फिल्म में आशा पारेख, राजेश खन्ना, प्रेम चोपड़ा, बिन्दू, नासिर हुसैन ने अभिनय किया था.

तीसरी मंज़िल

साल 1966 में आई फिल्म तीसरी मंज़िल का निर्देशन विजय आनन्द ने किया था. इसके निर्माता और लेखक नासिर हुसैन थे. इस फिल्म में शम्मी कपूर, आशा पारेख, प्रेमनाथ, राज मेहरा, प्रेम चोपड़ा, लक्ष्मी ने अभिनय किया था.

आन मिलो सजना

साल 1970 में आई फिल्म आन मिलो सजना का निर्देशन मुकुल दत्त ने किया था. इस फिल्म में आशा पारेख, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, राजेन्द्रनाथ, अभि भट्टाचार्य, अरुणा ईरानी, सुन्दर, जूनियर महमूद, शिवराज, डेविड, दुलारी, चमन पुरी, बीरबल, ब्रह्म भारद्वाज, और केशव राणा ने अभिनय किया था. 

लव इन टोक्यो

साल 1966 में आई फिल्म लव इन टोक्यो के निर्माता और निर्देशक प्रमोद चक्रवर्ती थे. इस फिल्म में जॉय मुखर्जी, आशा पारेख, महमूद और प्राण ने अभिनय किया था.

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