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Deadliest Train Accidents: देश में हुए 5 सबसे बड़े ट्रेन हादसे, कभी ट्रेन नदी में गिरी, तो कहीं एक नीलगाय ने ली 250 लोगों की जान

Deadliest Train Accidents: 6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी.

Deadliest Train Accidents: 6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी.

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FE Hindi Desk
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Odisha train accident

Deadliest Train Accidents: आइये जानते हैं देश के 5 बड़े ट्रेन हादसों के बारे में जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया था (Photo- PTI)

Deadliest Train Accidents in India: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम को हुए दर्दनाक घटना में अभी तक 238 यात्रियों की मौत हो चुकी है और करीब 900 से अधिक लोग घायल हैं. ये घटना तब हुई जब दो पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गईं. इस भीषण घटना के बाद देश में हाई लेवल मीटिंग पर मीटिंग चल रही हैं और राहत बचाव का कार्य अभी भी जारी है. इस बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने-अपने राज्य में आज यानी 3 जून को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. आइये जानते हैं देश के 5 बड़े ट्रेन हादसों के बारे में जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया था. गौरतलब है कि 16 महीने बाद देश में कोई बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है.

6 जून 1981

6 जून 1981 को बिहार की बागमती नदी देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे का गवाह बनी थी. इस दिन एक पैसेंजर ट्रेन यात्रियों को मानसी से सहरसा के बीच ले जा रही थी लेकिन बागमती नदी को क्रॉस करते हुए वह अचानक से नदी में गिर गई. जब यह घटना हुई तब ट्रेन करीब 1000 लोग मौजूद थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दिल दहला देने वाली घटना में करीब 500-700 लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान सैकड़ों लोग नदी में बह गए थे, जिनकी लाशें रेस्क्यू भी नहीं हो सकी थी.

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20 अगस्त 1995

इस घटना में सैकड़ों लोगों की मौत कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुई थी. 20 अगस्त 1995, रात के दो बजे रहे होंगे जब दिल्ली से कालिंदी एक्सप्रेस रवाना हो रही थी और बीच रास्ते में नीलगाय को बचाने के चक्कर में ट्रेन का वैक्यूम ब्रेक चालू हो गया और ट्रेन आधी रात को ट्रैक पर ही रुक गई. इस बीच उसी ट्रैक पर हरी झंडी मिलने के बाद पुरुषोत्तम एक्सप्रेस रवाना हो गई. ट्रेन चालक को ये पता था कि ट्रैक पूरी तरह खाली है लेकिन कुछ देर आगे जाने के बाद दोनों ट्रेन, रात की तीसरी पहर में जब सभी मुसाफिर गहरी नींद में सो रहा थे- एक दूसरे से टकरा गईं. इस भीषण हादसे में करीब 305 लोगों की मौत हुई थी.

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26 नवंबर 1998

पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन और गोल्डन टेंपल मेल के बीच दर्दनाक दुर्घटना हुआ था. जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरे फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल की तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोग मारे गए थे. इस घटना के दौरान दोनों ट्रेनों में करीब 2500 पैसेंजर सवार थे. ये घटना 26 नवंबर 1998 को हुई. 

2 अगस्त 1999

इस घटना में ब्रह्मपुत्र मेल अवध असम ट्रेन से टकरा गई थी.
गैसल ट्रेन दुर्घटना तब हुई जब ब्रह्मपुत्र मेल की उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर अवध असम एक्सप्रेस से भिड़ गई. इस दुर्घटना में 285 से अधिक लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए. पीड़ितों में से कई सेना, बीएसएफ या सीआरपीएफ के कर्मचारी भी शामिल थे. ये घटना 2 अगस्त 1999 को हुई.

20 नवंबर 2016

ये बात 20 नवंबर 2016 की है जब इंदौर पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे कानपुर के पास पटरी से उतर गई. इस घटना में करीब 150 लोगों की मौत हुई थी और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इतनी बड़ी दुर्घटना क्यों और कैसे हुई थी इसकी सटीक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. पटना जाने वाली ट्रेन झांसी-कानपुर डिवीजन में पुखराया को पार कर रही थी, जो यहां से लगभग 60 किलोमीटर दूर है. गहरी नींद में सोने की वजह से कई यात्री अचानक से हुए झटका को सह नहीं पाए थे. इस घटना में ट्रेन की 4 बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी.

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