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India's oldest billionaire Keshab Mahindra died: केशब महिंद्रा 48 सालों तक कंपनी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद इसका बागडोर अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को सौंप दी थी.
India's oldest billionaire Keshab Mahindra died: देश के सबसे पुराने अरबपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व अध्यक्ष केशब महिंद्रा का बुधवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया. केशब महिंद्रा 48 सालों तक कंपनी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद इसका बागडोर अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को सौंप दी थी. महिंद्रा के निधन की खबर ने कारोबारी जगत को झकझोर कर रख दिया है. कई बड़े उद्योपतियों ने ट्वीट पर अपनी संवेदना व्यक्त की है.
किसने क्या कहा?
द रेमंड लिमिटेड (The Raymond) के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर, गौतम सिंघानिया ने एक ट्वीट में केशब महिंद्रा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. उन्होंने महिंद्रा को याद करते हुए कहा कि वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को नेविगेट कर सकते थे. उन्होंने लिखा कि केशुभजी ने लगभग पांच दशकों तक महिंद्रा समूह के विकास का मार्गदर्शन किया और एक शानदार जीवन जिया. उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि वह कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को पार कर सकते थे. महिंद्रा समूह के परिवार, कर्मचारियों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. वहीं, INSPACe के अध्यक्ष और महिंद्रा के पूर्व कर्मचारी पवन के गोयनका ने कहा कि केशव के निधन से औद्योगिक जगत ने अपना सबसे बड़ा व्यक्तित्व खो दिया.
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1963 में बने थे 'महिंद्रा' के अध्यक्ष
9 अक्टूबर, 1923 को शिमला में जन्में केशब महिंद्रा ने व्हार्टन, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, यूएसए से स्नातक किया. वह 1947 में महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह में शामिल हुए और 1963 में अध्यक्ष बने. उन्होंने सेल, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, आईएफसी और आईसीआईसीआई समेत निजी और सार्वजनिक डोमेन दोनों में कई बोर्डों में भी काम किया है. महिंद्रा हुडको (HUDCO) के संस्थापक अध्यक्ष भी थे.
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जेआरडी टाटा और नाना जी देशमुख थे रोल मॉडल
व्हार्टन पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में महिंद्रा ने उल्लेख किया कि वह जेआरडी टाटा को अपना आदर्श मानते थे. उन्होंने उस साक्षात्कार में कहा था, "अगर मुझे अपने कुछ गुरुओं का नाम लेना होता, तो मैं व्यापार जगत से जे.आर.डी. टाटा और सामाजिक और राजनीतिक दुनिया से नानाजी देशमुख को चुनता. मैं जिन लोगों की प्रशंसा करता हूं, उनमें एक सामान्य सूत्र उनका जुनून है. वे लोग परेशान और निसहाय लोगों की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहे.