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1984 सिख विरोधी दंगा: यशपाल सिंह को होगी फांसी, मामले में पहली बार किसी को मौत की सजा

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने मामले में सह दोषी नरेश सहरावत को भी उम्रकैद की सजा सुनाई.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने मामले में सह दोषी नरेश सहरावत को भी उम्रकैद की सजा सुनाई.

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PTI
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1984 anti-Sikh riots: 1st capital punishment in the case – Yashpal Singh gets death sentence

दिल्ली अदालत परिसर में दोषियों पर हमले और सुरक्षा चिंताओं के चलते फैसला तिहाड़ जेल में सुनाया गया.

1984 anti-Sikh riots: 1st capital punishment in the case – Yashpal Singh gets death sentence दिल्ली अदालत परिसर में दोषियों पर हमले और सुरक्षा चिंताओं के चलते फैसला तिहाड़ जेल में सुनाया गया.

दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक फैसला सुनाया है. इसके तहत उस दौरान दो लोगों की हत्या के दोषी यशपाल सिंह को मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई. इस मामले में पहली बार किसी को मौत की सजा सुनाई गई है.

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने मामले में सह दोषी नरेश सहरावत को भी उम्रकैद की सजा सुनाई. दिल्ली अदालत परिसर में दोषियों पर हमले और सुरक्षा चिंताओं के चलते फैसला तिहाड़ जेल में सुनाया गया.

1994 में दिल्ली पुलिस ने फाइल कर दी थी बंद

दिल्ली पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में 1994 में मामला बंद कर दिया था हालांकि दंगों को लेकर गठित एक विशेष जांच दल ने मामले को फिर से खोला. अदालत ने 14 नवंबर को यशपाल सिंह और सहरावत को 1984 में यहां सिख विरोधी दंगों के दौरान दो लोगों की हत्या करने का दोषी पाया था.