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Delhi Flood: उपराज्यपाल सक्सेना ने पिछले कई वर्षों में यमुना में भारी मात्रा में गाद जमा होने की बात भी कही और दिल्ली में बाढ़ का एक कारण डिसिल्टिंग की कमी भी थी.
Delhi Flood: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर उन 11 कारणों को लिस्ट किया जिनके कारण इस साल राष्ट्रीय राजधानी में भारी बाढ़ आई और भविष्य में उन्हें रोकने के लिए कई उपाय भी सुझाए. 13 पन्नों के पत्र में एलजी ने कहा कि दिल्ली में यमुना के 44 किमी में से वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी के हिस्से में नदी के अंदर 18 प्रमुख रुकावटें हैं, जिसके कारण पानी का मुक्त प्रवाह बाधित हो रहा है.
एलजी ने पत्र में क्या लिखा?
उपराज्यपाल सक्सेना ने पिछले कई वर्षों में यमुना में भारी मात्रा में गाद जमा होने की बात भी कही और दिल्ली में बाढ़ का एक कारण डिसिल्टिंग की कमी भी थी. उन्होंने लिखा, "नजफगढ़ नाला, जो शहर से सबसे अधिक पानी यमुना में लाता है, 108 लाख मीट्रिक टन गाद और कचरे से भरा हुआ है. इससे 57 किलोमीटर लंबे इस चैनल की जल धारण/वहन क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होती है." सक्सेना ने नदी के रखरखाव के लिए एक नोडल एजेंसी बनाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि दो एजेंसियों - सीपीडब्ल्यूडी और पीडब्ल्यूडी - को राजघाट और समाधि परिसर से जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जो पिछले महीने "शर्मनाक रूप से जलमग्न" हो गए थे. पत्र में भविष्य में राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ रोकने के उपायों का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यमुना नदी की धारा का स्थायी स्वामित्व एक विभाग को सौंपा जाना चाहिए. उन्होंने भविष्य में इसी तरह की आपदा से बचने के लिए 11 अल्पकालिक और छह दीर्घकालिक उपाय सुझाए.
'आप' का जवाब
उपराज्यपाल द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों में यमुना, नजफगढ़ नाले से स्थायी गाद निकालना, शहर का जल निकासी मास्टर प्लान और यमुना बाजार और अन्य निचले इलाकों के लिए उन्नत बाढ़ प्रबंधन योजना शामिल है. इस बीच, 7-सूत्रीय खंडन में, दिल्ली के जल, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना में समस्याएं नालों से गाद निकालने के लिए "इनोवेटिव मेथड" लागू करने के सक्सेना के फैसले के कारण हुईं, जिससे नदी में भारी मात्रा में गाद जमा हो गई. भारद्वाज ने दावा किया कि उपराज्यपाल के अधीन ऐसी परियोजनाएं थीं जिन्हें निर्वाचित प्रशासन के साथ कोई जानकारी साझा किए बिना चलाया जा रहा था.