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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते लॉकडाउन से राजस्व की भारी हानि झेल रही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कमाई बढ़ाने के लिए शराब को जरिया बनाया है. राजधानी दिल्ली में मंगलवार से शराब की कीमतें ज्यादा होंगी क्योंकि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब बिक्री पर 70 फीसदी “विशेष कोरोना शुल्क” लगा दिया है. सूत्रों से यह जानकारी मिली है. सरकार के इस कदम से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित राजस्व को बढ़ावा मिलेगा. शराब के अलावा दिल्ली सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर वैट भी बढ़ा दिया है, जिससे राजधानी में पेट्रोल 1.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7.10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. बता दें, 40 दिन से अधिक लॉकडाउन के चलते राज्य सरकारों को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है. दिल्ली सरकार को अप्रैल में जहां आमतौर पर 3500 करोड़ का राजस्व मिलता था. वहीं, इस बार अप्रैल में केवल 300 करोड़ का राजस्व ही केजरीवाल सरकार हासिल कर पाई है.
दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, “शराब की बोतलों के एमआरपी पर 70 फीसदी “विशेष कोरोना शुल्क” लगा दिया गया है. नए मूल्य मंगलवार से प्रभावी होंगे.” केंद्र सरकार की तरफ से देशभर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध में ढील दिए जाने के बाद दिल्ली सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया कि रिटेल लाइसेंस के जरिए बेचे जाने वाली सभी कैटेगरी की शराब पर 70 फीसदी लैवी देना होगा. इसलिए दिल्ली में जो शराब की बोतल 100 रुपये में मिलती थी, उसके लिए अब 170 रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
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दुकान के बाहर लगाना होगा नोटिस
दिल्ली सरकार की तरफ से 4 मई को जारी आदेश के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में रिटेल लाइसेंस वाली शराब की सभी दुकानें सभी तरक की शराब की बोतल पर दर्ज अधिकतम खुदरा मूल्य का 70 फीसदी विशेष कोरोना शुल्क वसूलेंगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. यिममित आधार पर इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी. आबकारी विभाग ने इस आदेश की प्रति शराब की दुकानों पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को शराब की बिक्री शुरू करने से पहले यह आदेश दुकानों के बाहर चस्पा करना अनिवार्य कर दिया गया है.
शराब कंपनियों ने ऑनलाइन बिक्री की वकालत
शराब निर्माता कंपनियों ने लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद खुली शराब की दुकानों पर देश भर में उमड़ी भारी भीड़ और सोशल डिस्टैंसिंग के उल्लंघन के मद्देनजर एक बार फिर से शराब की ऑनलाइन बिक्री को इजाजत देने की वकालत की है.
शराब उद्योग के संगठनों ऑल इंडिया डिस्टिलर्स एसोसिएशन (AIDA), ऑल इंडिया ब्रेवर्स एसोसिएशन (AIBA) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) ने कहा कि करीब डेढ़ महीने से लोगों को शराब नहीं मिली, इस कारण सोमवार को दुकान खुलते ही लोग इन दुकानों पर टूट पड़े. कुछ संगठनों ने कहा कि उन्हें पहले से ही ऐसा होने का अंदेशा था और इसी कारण उन्होंने सरकार को शराब की ऑनलाइन बिक्री करने और होम डिलिवरी करने की इजाजत देने का सुझाव दिया था.
एआईबीए के महानिदेशक शोभन रॉय ने कहा कि उद्योग जगत ने पहले ही इस तरह की भीड़ की आशंका जतायी थी और सरकार को शराब की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा, “हमने पहले ही शराब के लिये होम डिलिवरी का सुझाव दिया था क्योंकि हमें भीड़-भाड़ का अनुमान था.''