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Delhi HC on BBC: यह मुकदमा गुजरात स्थित एनजीओ जस्टिस ऑन ट्रायल (Justice on trial) द्वारा दायर किया गया था.
Delhi High Court on BBC Documentary: 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री रिलीज होने के बाद बीबीसी (BBC) की मुश्किलें लगाता बढ़ती जा रही हैं. इस मामले में आज यानी सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने बीबीसी को समन जारी किया है. ये मामला मानहानि से जुड़ा है,
जिसमें दावा किया गया था कि बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ने भारत की प्रतिष्ठा के साथ-साथ न्यायपालिका और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है. यह मुकदमा गुजरात स्थित एनजीओ जस्टिस ऑन ट्रायल (Justice on trial) द्वारा दायर किया गया था. संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे इस मामले में जिरह कर रहे हैं.
15 सितंबर को होगी सुनवाई
एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बीबीसी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा उस डॉक्यूमेंट्री के संबंध में है, जिसने भारत और न्यायपालिका सहित पूरे सिस्टम को 'बदनाम' किया है. साल्वे ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की छवि के ऊपर भी दाग लगाता है. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने इस मामले में समन जारी किया और इसे 15 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
क्या है पूरा मामला?
बीबीसी ने हाल ही में 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम से एक डाक्यूमेंट्री रिलीज की थी, जिसके बाद से देश में इसको लेकर हंगामा बढ़ गया. यह डॉक्यूमेंट्री साल 2002 के गुजरात दंगे और नरेंद्र मोदी और उनकी तत्कालीन राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर केंद्रित है. इस डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के कुछ दिनों बाद ही बीबीसी के दफ्तर में आईटी विभाग का छापा पड़ा था. इससे पहले 20 जनवरी को, केंद्र ने यूट्यूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री साझा करने वाले लिंक को हटाने का आदेश दिया था. अधिकारियों ने उस वक्त कहा था कि यह डाक्यूमेंट्री “भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने वाला” पाया गया है और देश के “मैत्रीपूर्ण संबंधों” पर “प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता” रखता है.