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दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि क्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कहने पर कहने पर उन्हें ज्यादा ऑक्सीजन दी गई. जबकि आप सरकार के कहने पर भी दिल्ली का आवंटन नहीं बढ़ाया गया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि दिल्ली को उसकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन क्यों नहीं दी जा रही है, जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को उनकी मांग से ज्यादा ऑक्सीजन दी गई है. कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में राज्य सरकार के कहने के बावजूद ऑक्सीजन का आवंटन नहीं बढ़ाए जाने की आखिर क्या वजह है? दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने केंद्र सरकार के वकील से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि केंद्र सरकार या तो इस बारे में अपनी सफाई पेश करे या स्थिति में सुधार करे.
इस पर केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार कोर्ट के सवाल का जवाब देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह बताएगी कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को दिल्ली से ज्यादा ऑक्सीजन क्यों दी जा रही है. मेहता ने कहा कि ऐसे राज्य हैं, जिन्हें उनकी मांग के मुकाबले कम ऑक्सीजन दी गई है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ऐसा तर्कसंगत ढंग से कर रही है. दिल्ली सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट के सामने कई राज्यों द्वारा मांग की गई ऑक्सीजन और आवंटन की सूची रखी और कहा कि केवल दिल्ली को ही उतनी ऑक्सीजन नहीं दी, जितनी मांग की गई थी. जबकि दूसरों को उनके द्वारा की गई मांग के मुकाबले ज्यादा या करीब-करीब उतनी ही ऑक्सीजन आवंटित की गई है.
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काला बाजारियों से जब्त Remdesivir मरीजों को दी जाए : हाईकोर्ट
वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आप सरकार के राजस्व विभाग के डिप्टी कमिश्नर (DC) को निर्देश दिया कि वह जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों से जब्त की गई Remdesivir दवा मरीजों के इस्तेमाल के लिए रिलीज किए जाने का आदेश दें. जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जब्त दवाएं केस प्रॉपर्टी की तरह रखी न जाएं, बल्कि उन्हें जरूरतमंद मरीजों के लिए वितरित कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि ऐसी दवाएं जब्त होते ही जांच कर रहे अफसर (IO) को इसकी जानकारी फौरन DC को देनी चाहिए, ताकि उसे मरीजों के लिए आवंटित किया सके. इस दौरान दवा को फ्रिज में रखे जाने का इंतजाम भी किया जाए ताकि वो खराब न हो.
हाईकोर्ट ने कालाबाजारियों से जब्त होने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में भी ऐसे ही इंतजाम करने के निर्देश दिए. साथ ही यह भी कहा कि अगर किसी मरीज या उनके परिजनों के पास ब्लैक में खरीदा गया ऑक्सीजन सिलेंडर मिले तो उसे जब्त नहीं किया जाए. ऐसा मानना चाहिए कि वे लोग अपनी या अपनों की जान बचाने के लिए बेहद मजबूरी की हालत में ऐसा कर रहे हैं.
(Input: PTI)