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New Delhi: दिल्ली की एयर क्वालिटी शुक्रवार को सुबह 'अत्यधिक गंभीर' श्रेणी में चली गई है. (PTI Photo)
Delhi's Air Quality hits 'Severe Plus' Category: दिल्ली NCR और आसपास के इलाकों में जहरीली गैसों का चेंबर बन गया है. हवा में जहरीली गैसों की तादात बढ़ने से लोगों को स्किन व आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफें आ रही है. दिल्ली में एयर क्वालिटी शुक्रवार को सुबह 'अत्यधिक गंभीर' श्रेणी में चली गई है. शहर में एक्यूआई गुरूवार सुबह 10 बजे 351 से बढ़कर शुक्रवार को सुबह 9 बजे 471 पर पहुंच गया जो अत्यधिक प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि के कारण प्रदूषण स्तर में अचानक वृद्धि को दर्शाता है. शहर में 24 घंटे का औसत AIQ गुरूवार 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 दर्ज किया गया.
दिल्ली-NCR में लगातार चौथे दिन शुक्रवार को घनी और दमघोंटू धुंध छायी है. राष्ट्रीय राजधानी से सटे इलाकों में कई जगहों पर PM2.5 की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही. पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में दिल्ली में PM2.5 प्रदूषण में 25 फीसदी हिस्सा पराली जलाने से उठने वाले धुएं का है और यह आंकड़ा शुक्रवार तक 35 फीसदी पर पहुंच सकता है. बता दें कि PM2.5 वह बारिक कण है जो सांस लेने पर शरीर में आसानी से गहराई पहुंच जाता है और ये कण फेफड़ा संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर कांग्रेस ने जताई चिंता
कांग्रेस ने देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर शुक्रवार को चिंता जताई. कांग्रेस ने वायु गुणवत्ता मानकों को सख्त और असरदार बनाने के लिए वायु प्रदूषण अधिनियम में सुधार करने की मांग की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच यह मांग की गई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया के जरिए कहा- वायु प्रदूषण (नियंत्रण और रोकथाम) कानून 1981 में अस्तित्व में आया. इसके बाद, अप्रैल 1994 में परिवेशी वायु गुणवत्ता के मानकों की घोषणा की गई. बाद में अक्टूबर 1998 में इसे संशोधित किया गया.
वायु प्रदूषण (नियंत्रण और रोकथाम) अधिनियम 1981 में अस्तित्व में आया। इसके बाद, अप्रैल 1994 में परिवेशी वायु गुणवत्ता के मानकों की घोषणा की गई। बाद में अक्टूबर 1998 में इसे संशोधित किया गया।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 3, 2023
नवंबर 2009 में, IIT कानपुर और अन्य संस्थानों द्वारा गहन समीक्षा के बाद एक अधिक कठोर और… https://t.co/QnEgbXo4lJ
कांग्रेस ने की वायु प्रदूषण अधिनियम और NAAQS पर विचार करने की मांग
उन्होंने अपने इसी ट्वीट में आगे लिखा कि नवंबर 2009 में, IIT कानपुर और अन्य संस्थानों द्वारा गहन समीक्षा के बाद एक अधिक कठोर और व्यापक राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) लागू किया गया. इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माने जाने वाले 12 प्रदूषकों को शामिल किया गया. NAAQS के कार्यान्वयन के समय जो प्रेस नोट आया था, उससे उस वक़्त हुए महत्वपूर्ण बदलाव की सोच का पता चलता है. अब समय आ गया है कि अधिनियम और NAAQS दोनों पर दोबारा विचार हो और इसमें पूरी तरह से सुधार किया जाए. पिछले एक दशक या कहें कि उससे भी अधिक समय में, पब्लिक स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को लेकर ठोस प्रमाण मिले हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- जनवरी 2014 में, वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर एक एक्सपर्ट संचालन समिति की स्थापना की गई थी. इस समिति ने अगस्त 2015 में अपनी रिपोर्ट पेश की. तब से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिकार छीने जाने के साथ-साथ कानून और मानक दोनों में ही हमारी प्रवर्तन मशीनरी में कमज़ोरियाँ स्पष्ट रूप से सामने आई हैं. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम बिना किसी खास प्रभाव के सिर्फ़ चलता चला जा रहा है. वायु प्रदूषण ज़्यादातर नवंबर में सुर्खियों में आता है जब देश की राजधानी का प्रदूषण से दम घुटने लगता है. लेकिन देश भर में यह साल भर रोज़ाना की समस्या है.
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दिल्ली NCR के आसपास इलाकों में एयर क्वालिटी का हाल
पिछले कुछ दिन में दिल्ली की एयर क्वालिटी में गिरावट के सिलसिले को दर्शाता है. गुरूवार को AIQ गिरकर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया. एयर क्वालिटी का संकट सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है. पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता हानिकारक स्तर पर दर्ज की गयी है.
राजस्थान के प्रमुख शहरों में AIQ
- हनुमानगढ़ (401)
- भिवाड़ी (379)
- श्री गंगानगर (390)
हरियाणा के प्रमुख शहरों में AIQ
- हिसार (454)
- फतेहाबाद (410)
- जींद (456)
- रोहतक (427)
- बल्लभगढ़ (390)
- बहादुरगढ़ (377)
- सोनीपत (458)
- कुरुक्षेत्र (333)
- करनाल (345)
- कैथल (369)
- भिवानी (365)
- फरीदाबाद (448)
- गुरुग्राम (366)
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में AIQ
- नोएडा (436)
- ग्रेटर नोएडा (478)
- गाजियाबाद (414)
- बागपत (425)
- मेरठ (375)