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दिल्ली में 54 लाख गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द, क्या है वजह?

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें कुछ ऐसे वाहन हैं जिन्हें साल 1900 और 1901 में पंजीकृत कराया गया था.

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें कुछ ऐसे वाहन हैं जिन्हें साल 1900 और 1901 में पंजीकृत कराया गया था.

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FE Hindi Desk
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vehicles registration canceled

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2014 के आदेश में 15 साल पुराने गाड़ियों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने की मनाही की गयी है.

Delhi Govt Deregisters over 54 Lakh Old Vehicles: दिल्ली सरकार ने 54 लाख से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. अपनी चलने की अवधि पार कर चुके गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक खारिज कर दिया है. आधिकारिक आंंकड़ों के मुताबक खारिज किए गए वाहनों में ऑटोरिक्शा, कैब और टू-व्हीलर शामिल हैं.

ये है वजह

दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें कुछ ऐसे वाहन हैं जिन्हें साल 1900 और 1901 में पंजीकृत कराया गया था. साल 2018 में हाई कोर्ट ने दिल्ली में क्रमश: 10 साल और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उल्लंघन करने वाले गाड़ियों को जब्त कर लिया जाए. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2014 के आदेश में 15 साल पुराने गाड़ियों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने की मनाही की गयी है.

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परिवहन विभाग के अनुसार साउथ दिल्ली पार्ट वन में सबसे अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है. वहां 27 मार्च तक के वैध 9,285 थ्री-व्हीलर और 25,167 कैब का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया. मॉल रोड जोन में 2,90,127 वाहनों, आईपी डिपो में 3,27,034 वाहनों, साउथ दिल्ली पार्ट वन में 9,99,999 वाहनों, साउथ दिल्ली पार्ट टू में 1,1,69,784 वाहनों , जनकपुरी में 2, 7,06,921 वाहनों, लोनी में 4,35,408 वाहनों, सराय काले खां में 4,96,086 वाहनों, मयूर विहार में 2,99,788 वाहनों, वजीरपुर में 1,65,048 वाहनों, द्वारका में 3,04,677 , बुराड़ी में 25,167, राजागार्डन में 1,95,626 वाहनों और रोहिणी जोन में 6,56,201 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया.

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दिल्ली परिवहन विभाग ने परिचालन अवधि पूरा कर चुके गाड़ियों को कबाड़ में भेजने के लिए 29 मार्च को अभियान शुरू किया था. ट्रासंपोर्ट कमिश्नर आशीष कुंद्रा ने बताया कि ओवरएज हो चुके वाहनों के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी एनओसी (NOC) प्राप्त करने और उस राज्य में बेचने का अनुरोध है जहां वे चलने के लायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर ओवरएज व्हीकल दिल्ली के सड़कों पर खड़े मिले तो उन्हें कबाड़ में दिये जाने का खतरा है. दिल्ली की सड़कों पर 2021-22 में 79.18 लाख वाहन रजिस्टर्ड थे.

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