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Demonetisation anniversary: कांग्रेस ने नोटबंदी को बताया सोची समझी साजिश, कहा-इस फैसले के लिए पीएम को कभी माफ नहीं करेगा देश

Congress attacks PM Modi: नोटबंदी की बरसी के मौके पर पीएम मोदी पर भड़की कांग्रेस, कहा-सोची समझी साजिश था पीएम मोदी का फैसला, जिसने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर, देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.

Congress attacks PM Modi: नोटबंदी की बरसी के मौके पर पीएम मोदी पर भड़की कांग्रेस, कहा-सोची समझी साजिश था पीएम मोदी का फैसला, जिसने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर, देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.

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FE Hindi Desk
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Demonetisation anniversary: 15 नवंबर 2016 यानी नोटबंदी के एक हफ्ते बाद नई दिल्ली में ली गई एक तस्वीर, जिसमें सैकड़ों लोग 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बदलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दफ्तर के बाहर खड़े हैं. (File Photo : PTI)

Congress attacks PM Modi on Demonetisation anniversary: कांग्रेस ने 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोट रातों-रात बंद कर देने के फैसले के 7 साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव जयराम रमेश तक, तमाम नेताओं ने नोटबंदी के बाद के हालात को याद करते हुए पीएम मोदी और उनकी सरकार पर तीखे हमले किए. कांग्रेस नेताओं ने न सिर्फ इसे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कदम करार दिया, बल्कि पीएम मोदी के इस फैसले को सोची-समझी साजिश तक बता दिया. कांग्रेस ने कहा कि भारत इस ‘भीषण त्रासदी’ के लिए प्रधानमंत्री को कभी माफ नहीं करेगा. 

नोटबंदी एक सोची समझी साज़िश थी : राहुल 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘नोटबंदी एक सोची समझी साज़िश थी. यह साजिश रोज़गार तबाह करने, श्रमिकों की आमदनी रोकने, छोटे व्यापारों को खत्म करने की, किसानों को नुकसान पहुंचाने की और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की थी.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘99 प्रतिशत आम भारतीय नागरिकों पर हमला, एक प्रतिशत पूंजीपति मोदी 'मित्रों' को फायदा. यह एक हथियार था, आपकी जेब काटने का, परम मित्र की झोली भर कर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का!’’ कांग्रेस ने राहुल गांधी के वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, नोटबंदी गरीब जनता के खिलाफ मोदी सरकार का एक हथियार था. पीएम मोदी की सोची-समझी साजिश थी, जिससे उन्होंने अपने पूंजीपति मित्रों की तिजोरियां भर दीं और गरीबों का जीवन बर्बाद कर दिया. 

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आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन : खरगे 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘‘नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन मांगे थे, आज 7 साल हो गए. वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर ज़रूर खड़ा कर दिया. एक तरफ़ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है, तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने नोटबंदी के चक्रवात को झेला ! देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर को गहरा धक्का लगा. एक ही झटके में लाखों छोटे व्ययसाय ठप्प पड़ गए. करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई. पाई-पाई जोड़कर जो हमारी गृह लक्ष्मी महिलाओं ने बचत जुटाई थी, वो ख़त्म हो गई. जाली नोट और बढ़ गए, 500 रुपये के जाली नोटों में पिछले साल ही 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और 2000 के नोटों पर भी नोटबंदी लागू करनी पड़ी.’’ 

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा है, "नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन मांगे थे, आज 7 साल हो गए. वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर ज़रूर खड़ा कर दिया. एक तरफ़ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है, तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है. आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने नोटबंदी के चक्रवात को झेला ! देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर को गहरा धक्का लगा. एक ही झटके में लाखों छोटे व्यवसाय ठप्प पड़ गए. करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाईं. पाई-पाई जोड़कर जो हमारी गृह लक्ष्मी महिलाओं ने बचत जुटाई थी, वो ख़त्म हो गई. जाली नोट और बढ़ गए, ₹500 के जाली नोटों में पिछले साल ही 14% बढ़ोतरी हुई और ₹2000 के नोटों पर भी नोटबंदी लागू करनी पड़ी. काले धन पर लगाम लगाने में विफ़ल रही मोदी सरकार कैश इन सर्कुलेशन (Cash In Circulation) में 2016 से अब तक 83% उछाल आया. पिछले 7 वर्षों में संपत्ति खरीदने वालों में से 76% को कीमत का एक हिस्सा कैश में चुकाना पड़ा. मोदी सरकार की नोटबंदी आम नागरिकों के जीवन में एक गहरे ज़ख़्म की तरह है, जिसकी मरहम-पट्टी वो आज तक कर रहे हैं.”

मोदी ने देश पर किया था नोटबंदी का प्रहार : जयराम 

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने भी नोटबंदी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘आज से सात साल पहले 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश पर नोटबंदी का प्रहार किया था. एक निर्णय जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी...24 मार्च, 2020 को अनियोजित, अचानक तालाबंदी के साथ एक बार फिर दोहराया गया, जिसके कारण लाखों प्रवासी श्रमिकों को सैकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस जाना पड़ा.’’ जयराम ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा लोगों की पीड़ा का मजाक उड़ाना, हंसना और यह कहना कि 'घर में शादी है, पैसा नहीं है' को कौन भूल सकता है? उन सैकड़ों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को कौन भूल सकता है जिनकी अपने नोट बदलने के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करते-करते मौत हो गई, जबकि अमीर लोग आसानी से अपने बैंक नोट बदलवाने में कामयाब रहे?’’

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बेरोजगारी 45 साल के चरम पर पहुंची : रमेश 

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के साथ-साथ जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी ने भारत के रोजगार पैदा करने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया, जिससे बेरोजगारी 45 साल के चरम पर पहुंच गई और 2013 में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आना समाप्त हो गया.’’ उनके मुताबिक, ‘‘नोटबंदी के कारण 2011 के बाद से बनी जीडीपी वृद्धि की गति पूरी तरह उलट गई. भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2011 में 5.2 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 8.3 प्रतिशत हो गई. फिर, विमुद्रीकरण नामक आपदा आई और विकास धीमा होना शुरू हो गया, जो कि कोविड-19 महामारी से ठीक पहले चार प्रतिशत तक आ गया.’’ रमेश ने दावा किया कि भारत इस ‘भीषण त्रासदी’ के लिए प्रधानमंत्री को माफ नहीं करेगा. 

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पीएम मोदी ने अचानक किया था नोटबंदी का एलान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को आधी रात से बंद करने का ऐलान कर दिया था. उसके बाद सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट जारी किए. लेकिन इस दौरान कई महीनों तक देश भर में करेंसी नोट्स की भारी कमी हो गई, जिसके चलते आम लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. उस जारी किए गए 2000 रुपये के नोटों को अब चलन से बाहर किया जा चुका है.

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