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दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों में शुमार Pfizer ने कुछ समय पहले उम्मीद जताई थी कि जल्द ही भारत में उसकी वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी. हालांकि अब समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दी खबर में दावा किया गया है कि फाइजर ने अब तक अपनी कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिलाने के लिए आवेदन तक नहीं किया है. अगर ये खबर सही है कि तो ये बेहद हैरानी की बात है क्योंकि फाइजर के सीईओ ने मई में कहा था कि उनकी कंपनी भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी तरफ से पूरा सहयोग करना चाहती है और वह अपनी वैक्सीन को जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए भारत सरकार से बातचीत कर रही है.
लेकिन फाइजर के दावे से उलट सूत्रों के हवाले से आई इस खबर में दावा किया गया है कि भारतीय दवा नियामक डीजीसीआई (DGCI) ने फाइजर से दो बार लिखकर कहा कि वो अपनी कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिलाने के लिए आवेदन करे ताकि समय पर प्रक्रिया शुरू की जा सके, लेकिन फाइजर ने अब तक ऐसा नहीं किया.
Indian drug regulator has urged Pfizer twice in writing to apply for emergency use authorization for its COVID vaccine so that application is processed well in time but Pfizer has not applied for the license yet: Sources
— ANI (@ANI) July 6, 2021
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मई में आवेदन स्वीकार नहीं होने की शिकायत
करीब दो महीने पहले मई 2021 की शुरुआत में अमेरिकी कंपनी ने शिकायत की थी कि कोरोना महामारी पर काबू पाने में वैक्सीन की भूमिका बेहद अहम है लेकिन दुर्भाग्य से कई महीने पहले एप्लीकेशन देने के बावजूद भारत में फाइजर वैक्सीन को अब तक मंजूरी नहीं दी गई. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने भारत में अपनी कंपनी के कर्मचारियों के नाम लिखे एक ईमेल में कहा था कि कंपनी भारत सरकार के साथ इस बारे में बातचीत कर रही है, ताकि फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके. बोरला ने अपना यह ईमेल सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था.
फाइजर को सबसे पहले मिली थी डब्ल्यूएचओ की मंजूरी
भारत सरकार ने अप्रैल में विदेशों में बनी उन सभी वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की बात कही थी, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप या जापान की तरफ से इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा चुका है. रूस में बनी वैक्सीन स्पुतनिक वी को भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है और इसकी डोज देश के कई अस्पतालों में लगाई भी जा रही हैं. हाल ही में मॉडर्ना की वैक्सीन को भी भारत में इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा चुका है. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन से सबसे पहले इमरजेंसी अप्रूवल पाने वाली फाइजर की वैक्सीन अब तक भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए स्वीकृत नहीं है. भारत में कोरोना से बचाव के लिए सबसे ज्यादा टीकाकरण कोविशील्ड की वैक्सीन से किया जा रहा है. टीकाकरण की संख्या के लिए लिहाज से देश में कोवैक्सीन दूसरे नंबर पर है.