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Diesel Price Hike: थोक खरीदारों के लिए डीजल 25 रु प्रति लीटर महंगा, खुदरा कंपनियों का बढ़ा नुकसान, बंद होने की आशंका

थोक उपभोक्ता आमतौर पर पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने पेट्रोल पंपों से खरीदारी की है. इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ गया है.

थोक उपभोक्ता आमतौर पर पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने पेट्रोल पंपों से खरीदारी की है. इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ गया है.

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Diesel Price Hike

थोक उपभोक्ताओं (Bulk Users) के लिए डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है.

Diesel Price Hike: थोक उपभोक्ताओं (Bulk Users) के लिए डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है. हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस महीने पेट्रोल पंपों के ज़रिए बिक्री में 20 फीसदी का उछाल आया है. बस ऑपरेटरों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ता आमतौर पर पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंनेपेट्रोल पंपों से खरीदारी की है. इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है. इससे सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं.

थोक उपभोक्ताओं के लिए दरों और पेट्रोल पंप कीमतों में 25 रुपये के बड़े अंतर की वजह से थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीद रहे हैं. वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे टैंकर बुक नहीं कर रहे हैं. इससे पेट्रोलियम कंपनियों का नुकसान और बढ़ा है. नायरा एनर्जी ने इस बारे में भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं दिया. जियो-बीपी ने कहा कि खुदरा आउटलेट्स पर मांग में भारी वृद्धि हुई है. खुदरा और इंडस्ट्रियल मूल्य में 25 रुपये प्रति लीटर के अंतर की वजह से थोक उपभोक्ता भी खुदरा पेट्रोल पंपों से खरीद कर रहे हैं.

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रिकॉर्ड 136 दिनों से नहीं बढ़ें हैं इंधन के दाम

मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि रिकॉर्ड 136 दिनों से ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना सही विकल्प होगा. पब्लिक सेक्टर की पेट्रोलियम कंपनियों ने चार नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं. हालांकि, इस दौरान वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतों में उछाल आया है. माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के चलते ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई. विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आ गए हैं, लेकिन उसके बाद भी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की वजह से फिलहाल कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.

बड़े शहरों में इतने हो गए हैं रेट

मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है. इसी तरह दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या इंडस्ट्रियल यूजर्स के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है.

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जब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बंद कर दिए थे 1,432 पेट्रोल पंप

साल 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की बिक्री घटकर शून्य पर आ गई थी, जिसके बाद कंपनी ने अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे. सूत्रों ने कहा कि कुछ यही स्थिति आज भी बन रही है. थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से खरीदारी कर रहे हैं, जिसके चलते इन रिटेलरों का घाटा बढ़ रहा है.

(इनपुट-पीटीआई)

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