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कोरोना संकट में भी सक्रिय हैं जालसाज; फोन और कंप्यूटर पर न करें ये गलती, वर्ना खाली हो सकता है खाता

भारत समेत पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रही है. इस वक्त खतरा बेहद ज्यादा है.

भारत समेत पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रही है. इस वक्त खतरा बेहद ज्यादा है.

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Ritika Singh
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Keep your operating system, your antivirus program and official apps updated at all times, so you have the latest security patches to fend off any kind of cyber-attack.

Do not fall for attempts by fraudsters to steal confidential data on phones and computers by circulating malware in the name of coronavirus, ministry of home affairs, PIB fact check

COVID-19: दुनिया के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी से जूझ रहा है. इस वक्त खतरा बेहद ज्यादा है. इसे देखते हुए पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह वायरस भारत में अब तक 9 लोगों की जान ले चुका है और 562 मामले सामने आए हैं. संकट के इस दौर में भी कुछ जालसाज एक्टिव हैं और वह इस पैनिक ​सिचुएशन का फायदा उठाने में लगे हैं.

ये जालसाज लोगों को कोरोना वायरस के नाम पर फोन और कंप्यूटर्स पर मालवेयर भेज रहे हैं और इनके जरिए उनका गोपनीय डाटा चुरा रहे हैं. ऐसा चैरिटी फंड का हवाला देकर भी किया जा रहा है.

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क्या कहता है गृह मंत्रालय का अलर्ट?

PIB फैक्ट चेक ने ट्विटर पर गृह मंत्रालय का एक अलर्ट शेयर किया है. इसमें कहा गया है कि कुछ साइबर फ्रॉडस्टर्स लोगों को मालवेयर लिंक भेज रहे हैं. यह लिंक कथित कोरोना वायरस ऐप जैसे स्पाईमैक्स, कोरोना लइव 1.1 आदि के बारे में है. इस लिंक को ओपन करने पर यह प्राप्तकर्ता के फोन या कंप्यूटर से गोपनीय जानकारी चुराता है.

गृह मंत्रालय की ओर से नागरिकों को ऐसे मालवेयर से बचने के टिप्स भी बताए गए हैं. ये इस तरह हैं...

  • कोविड-19 से संबंधित किसी भी लिंक पर क्लिक करते वक्त सावधान रहें. यह आपको मालवेयर इन्फेक्टेड वेबसाइट पर ले जा सकता है.
  • 'विशिंग' (Vishing) फिशिंग का वॉइस वर्जन है. V का अर्थ वॉइस है और यह एक सोशल इंजीनियरिंग स्कैम है. हैकर कोविड-19 (COVID-19) के नाम पर लोगों को फंसाने के लिए फोन को जरिया बना सकते हैं और उनकी संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी ले सकते हैं. इसलिए फोन कॉल पर कोई भी संवेदनशील जानकारी न दें.
  • सावधान रहें और पैसे दान करने से पहले चैरिटी फंड के क्रिडेंशियल्स को चेक कर लें.

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PIB फैक्ट चेक क्या है?

PIB Fact Check केन्द्र सरकार की पॉलिसी/स्कीम्स/विभाग/मंत्रालयों को लेकर गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए काम करता है. सरकार से जुड़ी कोई खबर सच है या फर्जी, यह जानने के लिए PIB Fact Check की मदद ली जा सकती है. कोई भी PIB Fact Check को संदेहात्मक खबर का स्क्रीनशॉट, ट्वीट, फेसबुक पोस्ट या यूआरएल वॉट्सऐप नंबर 918799711259 पर भेज सकता है या फिर pibfactcheck@gmail.com पर मेल कर सकता है.

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