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फरवरी 2021 में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 3.87 फीसदी हो गई.
कोविड महामारी (COVID-19 Pandemic) के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी की रफ्तार पर महंगाई और फैक्ट्री उत्पादन के आंकड़ों ने झटका दिया है. जनवरी में देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. दूसरी ओर, अर्थव्यवस्था को खुदरा महंगाई ने भी झटका दिया है. खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से फरवरी 2021 में खुदरा महंगाई दर (CPI) बढ़कर 5.03 फीसदी पहुंच गई.
मालूम हो, रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी समीक्षा के दौरान खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर गौर करता है. आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य रखा है, इसमें दो फीसदी अधिक या कम नीचे रहेगा.
फैक्ट्री उत्पादन की गिरावट से टेंशन!
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2021 में औद्योगिक उत्पादन में 1.6 फीसदी की गिरावट रही. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन में जनवरी में 2 फीसदी की गिरावट आई. माइनिंग सेक्टर की गिरावट 3.7 फीसदी रही. वहीं, पावर जेनरेशन की ग्रोथ 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जनवरी 2020 में आईआईपी में 2.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
खाने-पीने की चीजें महंगी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर फरवरी 2021 में बढ़कर 5.03 फीसदी हो गई. महंगाई बढ़ने की अहम वजह खाने-पीने की कीमतों में इजाफा रहा. जनवरी 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.06 फीसदी रही थी.
नेशनल स्टैटिस्किल आफिस (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2021 में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 3.87 फीसदी हो गई, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 1.89 फीसदी था. फ्यूल एंड लाइट कैटेगरी की महंगाई दर बढ़कर 3.53 फीसदी पर दर्ज की गई. जनवरी में यह 3.87 फीसदी था.