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DRDO ने एक अल्ट्रावायलेट (UV) डिसइन्फेक्शन टावर को विकसित किया है.
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्राधिकरण (DRDO) ने एक अल्ट्रावायलेट (UV) डिसइन्फेक्शन टावर को विकसित किया है. इससे जिन क्षेत्रों में संक्रमण का ज्यादा खतरा है, उस तेज और केमिकल-रहित तरीके से कीटाणु रहित करने में मदद मिलती है. यह UV ब्लास्टर एक यूवी बेस्ड एरिया सैनिटाइजर है जिसे लेजर साइंस एंड टैक्नोलॉजी सेंटर (LASTEC), जो DRDO की प्रीमियम लैब है, उसने गुरुग्राम की न्यू एज इंस्ट्रूमेंट्स एंड मैटिरियलर्स लिमिटेड के साथ मिलकर डिजाइन और डेवलप किया है.
एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल के लिए किया जा सकता है इस्तेमाल
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह यूवी ब्लास्टर हाई टेक सतहों जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर और लैब और ऑफिस में मौजूद दूसरे गैजेट्स को कीटाणु रहित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिन्हें कैमिकल से नहीं किया जा सकता. बयान के मुताबिक, इसके अलावा यह प्रोडक्ट ज्यादा लोगों की मौजूदगी वाले इलाकों के लिए भी असरदार है जिनमें एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल, मेट्रो, होटल, फैक्ट्री, ऑफिस आदि शामिल हैं.
लैपटॉप या मोबाइल फोन के जरिए हो सकता है ऑपरेट
इस UV बेस्ड एरिया सैनिटाइजर का उपयोग रिमोट ऑपरेशन से लैपटॉप या मोबाइल फोन के जरिए वाईफाई लिंक का इस्तेमाल करके किया जा सकता है. बयान में कहा गया है कि उपकरण में छह लैम्प हैं. इनमें प्रत्येक के साथ 43 वॉट की UV-C पावर 254 nm वेवलैंथ पर, 360 डिग्री रोशनी के लिए मौजूद है. 12X12 फीट परिमाण के कमरे को कीटाणु रहित करने में 10 मिनट का समय लगेगा. जबकि 400 स्क्वॉयर फीट वाले एरिया के लिए 30 मिनट का समय लगेगा. इसके लिए इस उपकरण को कमरे में अलग-अलग जगहों पर रखना होगा.
यह सैनिटाइजर कमरे को खोलने पर या किसी इंसान के हस्तक्षेप से अपने आप स्विच ऑफ हो जाता है. प्रोडक्ट में सेफ्टी फीचर भी दिया गया है. देशभर में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 46 हजार के पार चला गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना के पॉजिटिव केस 46,433 हो गए हैं.