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GDP Outlook By Experts: एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल अभी पूरे साल जारी रहेगी.
GDP Outlook By Experts: एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल अभी पूरे साल जारी रहेगी.GDP Outlook By Experts: कोरोना वायरस और इसके चलते लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते 40 साल में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी दर्ज की गई. एक्सपर्ट का मानना है कि यह उम्मीद से भी ज्यादा खराब आंकड़े हैं. जीडीपी में डबल डिजिट में तो गिरावट का अनुमान था, लेकिन इतनी बड़ी गिरावट का अंदाजा नहीं था. एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल अभी पूरे साल जारी रहेगी. एक और राहत पैकेज, मॉनेटरी पॉलिसी सपोर्ट और कोविड-19 के इलाज को लेकर कारगर उपाय से ही रिकवरी संभव है. लेकिन अभी रिकवरी भी स्लो रहेगी.
ज्यादातर देशों में निगेटिव ग्रोथ
बता दें कि यही हाल दुनियाभर के तमाम देशों का रहा है. अबतक करीब 60 देश जीडीपी डाटा जारी कर चुके हैं. चीन व विएतनाम जैसे देशों को छोड़कर तकरीबन सभी की ग्रोथ निगेटिव में दर्ज हुई है. सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च के अंति हफ्ते से देशभर में लॉकडाउन का एलान किया था. जिससे देश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ गई थीं. इसके चलते अधिकांश रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की जीडीपी में गिरावट का अनुमान जताया था. वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.2 फीसदी रही थी.
इंफ्रा पर बढ़े निवेश
नाइट फ्रैंक इंडिया की चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च हेड, रजनी सिन्हा का कहना है कि लॉकडाउन के पहले 2 महीनों में पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गईं. ऐसे में जीडीपी में बड़ी गिरावट का अनुमान पहले से ही था. हालांकि पहले 2 महीनों में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लॉक होने के बाद अब ज्यादातर इकेानॉमिक पैरामीटर में 70-90% सुधार आ चुका है, लेकिन अभी चुनौतियां मौजूद हैं. सस्टेनेबल रिकवरी तभी आएगी, जब कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई कारगर उपाय आए. इससे कंज्यूमर्स का सेंटीमेंट फिर मजबूत होगा और स्पेंडिंग बढ़ेगी. इसके साथ ही सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और बढ़ाने की जरूरत है, जिससे डिमांड बूस्ट हो सके.
वायरस रोकने का कारगर उपाय जरूरी
NAREDCO महाराष्ट्र के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रोहित पोद्दार का कहना है कि अप्रैल से जून तिमाही में पूरी तरह से आर्थिक अनिश्चितता रही है, जिससे जीडीपी में बड़ी गिरावट आई. जीडीपी की सुस्त चाल पूरे साल (CY 2020) बनी रहेगी. मौजूदा समय में निचले स्तर पर ब्याज दरों से भी डिमांड जरूरत के मुताबिक नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में एक और राहत पैकेज का एलान सरकार कर सकती है. यह देश की ग्रोथ के लिए जरूरी भी है. इसके अलावा कोविड—19 का फैलाव रोके जाने के लिए कोई कारगर वैक्सीन या दवा की तुरंत जरूरत महसूस की जा रही है.
मुश्किल होगा निवेश बढ़ाना
ITM ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चीफ फाइनेंशियल आफिसर हरिहरन पीएन का कहना है कि अर्थव्यवस्था पहले से सुस्ती के दौर में था, कोरोना वायरस महामारी ने हालत और खराब कर दी. जीडीपी में अबतक की सबसे बउ़ी गिरावट आई है. इससे बांड रेट बढ़ेंगे और इन्वेस्टमेंट को अट्रैक्ट करना मुश्किल होगा.
रेट कट का मिल सकता है तोहफा
बंधन बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च हेड, सिद्दार्थ सान्याल का कहना है कि जीडीपी में गिरावट उम्मीद से ज्यादा रही है. मौजूदा तिमाही में भी जीडीपी में डबल डिजिट में कमजोरी दिख सकती है. हालांकि सरकार द्वारा रूरल सेक्टर पर फोकस होने का फायदा आगे मिलेगा. ऐसे दौर में आरबीआई द्वारा समय से पहले मॉनेटरी पॉलिसी सपोर्ट से इनकार नहीं किया जा सकता है, वैसे भी पहले से ही दिसंबर तक एक और रेट कट की उम्मीद है.
FY21 में –10.9% रह सकती है GDP: SBI
पहली तिमाही की गिरावट को अनुमान के अनुकूल बताते हुए विशेषज्ञों ने अुनमान लगाया है कोविड-19 महामारी के प्रभाव की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ सकती है. एसबीआई की ईको रैप रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी ग्रोथ –10.9% रहने का अनुमान है. पहले इसके -6.8% रहने का अनुमान था.
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