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Xiaomi के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, FEMA उल्लंघन के आरोप में 5,551 करोड़ जब्त, कंपनी ने किया सभी कानूनों के पालन का दावा

Xiomi India ने ट्वीट के जरिए अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलतफहमी का नतीजा है,जिसे दूर करने की कोशिश की जाएगी.

Xiomi India ने ट्वीट के जरिए अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलतफहमी का नतीजा है,जिसे दूर करने की कोशिश की जाएगी.

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Xiaomi के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, FEMA उल्लंघन के आरोप में 5,551 करोड़ जब्त, कंपनी ने किया सभी कानूनों के पालन का दावा

ईडी का आरोप है कि श्याओमी इंडिया ने रॉयल्टी की आड़ में 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा गलत ढंग से विदेश भेजी है.

ED's Big Action Against Xiaomi, Seizes Rs 5551 Crore : चीन की मोबाइल बनाने वाली दिग्गज कंपनी श्याओमी (Xiaomi) के बैंक खातों में जमा 5551 करोड़ रुपये प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब्त कर लिए हैं. ईडी ने चीनी कंपनी के खिलाफ यह सख्त कार्रवाई विदेशी मुद्रा के एक्सचेंज से जुड़े कानून FEMA के उल्लंघन के आरोप में की है. चीनी मोबाइल कंपनी की भारतीय इकाई श्याओमी इंडिया के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की जानकारी ईडी की तरफ से शनिवार को दी गई है. इस बीच, Xiomi India ने ट्वीट के जरिए अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उसके खिलाफ की गई कार्रवाई गलतफहमी का नतीजा है, जिसे दूर करने की कोशिश की जाएगी.

Xiaomi पर गैरकानूनी रूप से फंड्स विदेश भेजने का आरोप

ईडी की तरफ से दिए गए बयान में बताया कहा गया है, "श्याओमी इंडिया चीन के श्याओमी ग्रुप के पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय सब्सिडियरी है. कंपनी के बैंक खातों में जमा 5551.27 करोड़ रुपये की रकम प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली है." ईडी के मुताबिक चीनी कंपनी पर फरवरी में गैरकानूनी रूप से फंड्स को विदेश भेजने का आरोप लगा. जिसके बाद इस आरोप की जांच-पड़ताल की गई और तब जाकर ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) की धाराओं के तहत यह कार्रवाई की है.

2015 से चल रहा गोरखधंधा : ED

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ईडी के मुताबिक श्याओमी ने भारत में अपना कामकाज 2014 में शुरू किया और उसके अगले साल से ही फंड्स को विदेश भेजने का सिलसिला शुरू हो गया. ईडी का आरोप है कि कंपनी ने रॉयल्टी देने की आड़ में 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा विदेश में आधारित तीन कंपनियों को भेजीं, जिसमें एक श्याओमी ग्रुप की ही कंपनी है. बाकी दो कंपनियां अमेरिका में बेस्ड हैं, लेकिन उन्हें भेजी गई रकम का असली मकसद भी श्याओमी ग्रुप की कंपनियों को फायदा पहुंचाना ही रहा है.

चीनी पैरेंट कंपनी के कहने पर धांधली का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि श्याओमी इंडिया ने रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम विदेश भेजने का काम अपनी चीनी पैरेंट कंपनी के कहने पर ही किया है. ईडी के मुताबिक श्याओमी इंडिया भारत में मौजूद मैन्युफैक्चरर्स से पूरी तरह बने हुए मोबाइल सेट्स और दूसरे प्रोडक्ट खरीदती है, लेकिन जिन तीन विदेशी कंपनियों को इतनी भारी-भरकम रकम का भुगतान किया गया है, उनसे कंपनी ने कोई सर्विस नहीं ली है.

बैंकों को भी गलत जानकारी देकर गुमराह किया

ईडी के मुताबिक कंपनी ने श्याओमी ग्रुप की ही अलग-अलग कंपनियों के बीच बड़े पैमाने पर दस्तावेजी जाल-बट्टा फैलाकर रॉयल्टी की आड़ में मोटी रकम विदेश भेजी, जो FEMA के सेक्शन 4 का उल्लंघन है. इतना ही नहीं, कंपनी ने विदेशों में यह रकम भेजते समय बैंकों को भी गलत जानकारी देकर गुमराह किया. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इसी महीने की शुरुआत में श्याओमी ग्रुप के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन से कंपनी के बेंगलुरू रीजनल ऑफिस में पूछताछ की थी.

Xiomi India ने ट्विटर के जरिए दी सफाई

श्याओमी इंडिया ने पूरे मामले में अपनी सफाई पेश की है. ट्विटर पर जारी एक बयान में कंपनी ने कहा कि उसने किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है. कंपनी के मुताबिक उसके खिलाफ जो भी कार्रवाई की गई है, वह गलतफहमी का नतीजा है, जिसे कंपनी अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखकर दूर करने की कोशिश करेगी.

कंपनी की तरफ से ट्विटर पर जारी बयान में कहा गया है, "हम भारत के प्रति कमिटेड ब्रांड हैं और हमारे सभी ऑपरेशन्स में भारतीय नियम-कानूनों का पूरी तरह से पालन किया जाता है. हमने सरकारी अधिकारियों के आदेश का बारीकी से अध्ययन किया. हमें विश्वास है कि हमारे सभी रॉयल्टी पेमेंट्स और बैंक को दिए स्टेटमेंट पूरी तरह सच्चे और कानूनी तौर पर सही हैं. श्याओमी इंडिया ने ये रॉयल्टी पेमेंट्स हमारे प्रोडक्ट्स के भारतीय वर्जन में इस्तेमाल की गई इन-लाइसेंस्ड टेक्नॉलजीज़ और IPs के लिए किए गए हैं. श्याओमी इंडिया द्वारा इन रॉयल्टी पेमेंट्स का भुगतान किया जाना एक वैध कॉमर्शियल अरेंजमेंट है. बहरहाल, हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

श्याओमी की भारतीय इकाई जिसका पूरा नाम श्याओमी टेक्नॉलजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है, मुख्य तौर पर अपनी पेरेंट कंपनी के Mi ब्रैंड नेम से बनाए गए मोबाइल फोन्स को भारत में लाकर बेचने का काम करती है.

(Input : PTI)

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