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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ अपनी पूछताछ को जारी रखा.
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को यस बैंक (Yes Bank) के फाउंडर राणा कपूर (Rana Kapoor) के खिलाफ अपनी पूछताछ को जारी रखा. अधिकारियों ने बताया कि कपूर और अन्य के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में पूछताछ जारी है. उनके मुताबिक कपूर को बलार्ड एस्टेट में स्थित एजेंसी के दफ्तर शनिवार दोपहर को लाया गया. ED ने राणा के वर्ली में स्थित आवास समुद्र महल कॉम्पलैक्स में शुक्रवार रात को छापा माककर तालाशी की और वहां भी उनसे पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि उनसे पूछताछ जारी है. उनके मुताबिक राणा कपूर के खिलाफ मामला घोटाले वाले DHFL से जुड़ा है क्योंकि बैंक द्वारा दिए गए लोन कथित तौर पर नॉन-पर परफॉर्मिंग एसेट्स बन गए.
धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई
कपूर के खिलाफ कार्रवाई धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की जा रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कॉरपोरेट संस्थाओं को दिए गए कर्ज और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच दायरे में हैं, जिसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है.
सीबीआई ने हाल में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच शुरू की है, जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) में निवेश किया गया. रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है.
रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया. इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि एसबीआई ने यस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है.
पी. चिदंबरम का यस बैंक मामले में सरकार पर हमला
यस बैंक मामले पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि भाजपा सरकार के तहत वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन के कारण यस बैंक की स्थिति चरमराई है. इसके साथ उन्होंने कहा कि संकट ग्रस्त यस बैंक में एसबीआई द्वारा 2450 करोड़ रुपये का निवेश कर 49 फीसदी हिस्सेदारी लेना विचित्र मामला है.