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सोनिया गांधी से ED दफ्तर में 2 घंटे तक पूछताछ, विपक्ष ने केंद्र सरकार पर लगाया एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप

कई विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी करके आरोप लगाया है कि मोदी सरकार विपक्ष को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.

कई विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी करके आरोप लगाया है कि मोदी सरकार विपक्ष को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है.

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FE Hindi Desk
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Sonia Gandhi leaves ED office after 2 hrs of questioning; top Cong leaders detained amid protest

The party will also stage similar nationwide protests on the day of her next deposition before the ED.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर में बुलाकर पूछताछ की गई. हाल ही में कोरोना महामारी से उबरीं 75 वर्षीय सोनिया गांधी करीब दो घंटे की पूछताछ के बाद ईडी के दफ्तर से बाहर आईं. खबर है कि उन्हें 25 जुलाई को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है. सोनिया से ED की पूछताछ नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में की जा रही है. हालांकि कांग्रेस ने इसे विपक्ष को दबाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मसला बताते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ‘विपक्ष मुक्त भारत’ बनाना चाहती है.

सोनिया गांधी को ईडी दफ्तर में बुलाकर पूछताछ किए जाने के दौरान कांग्रेस सांसदों, कार्य समिति (CWC) के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए दिल्ली समेत देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया. कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस दौरान हिरासत में भी लिया गया, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, अजय माकन और सचिन पायलट भी शामिल हैं. इस दौरान कई बड़े नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया. 

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इस बीच, कांग्रेस के अलावा कई और विपक्षी दलों के नेताओं-सांसदों ने भी आज ही एक साझा बयान जारी करके सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया. बयान में कहा गया है कि मोदी सरकार तमाम विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाने और परेशान करने का काम कर रही है. इस तरह की कार्रवाई पहले कभी नहीं देखी गई. बयान में विपक्षी नेताओं ने कहा है कि हम इस तरह की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं और मोदी सरकार की जन-विरोधी, किसान विरोधी, संविधान विरोधी और देश के सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद करने वाली नीतियों के खिलाफ सामूहिक संघर्ष जारी रखेंगे. विपक्ष के इस साझा बयान पर दस्तखत करने वालों में आरजेडी, शिवसेना, डीएमके, एमडीएमके, टीआरएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, सीपीएम, आरएसपी समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं.

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘विषगुरु के राजनीतिक प्रतिशोध का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए सभी कांग्रेस सांसदों एवं सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर सामूहिक गिरफ़्तारी दी. हमें किंग्सवे कैंप पुलिस थाने में लाया गया. सच की लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे!’’ 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता झुकने वाले नहीं हैं. गहलोत ने कहा, ‘‘हम डरने और घबराने वाले नहीं हैं. सोनिया जी जब से देश में आईं हैं, उन पर हमले हो रहे हैं. सोनिया जी ने जिस तरह से भारत की संस्कृति और संस्कार को अपनाया है, वह अपने आप में एक मिसाल है. उन्होंने जो जीवन जिया है और पार्टी के लिए जो किया है, उसे कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता कभी भूल नहीं सकते.’’ 

अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘राजनीति में दुश्मन नहीं होना चाहिए. ये लोग विपक्ष को दुश्मन मानते हैं. पहले ये कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे, अब ये ‘विपक्ष मुक्त भारत’ चाहते हैं.’’ 

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया, ‘‘जब भी मोदी जी और अमित शाह की घेराबंदी हो जाती है तो एजेंसियों को आगे कर दिया जाता है. साजिश है, हमें चुप कराने की. हमें रोकने का षडयंत्र है. इनकी नीयत है, विपक्ष मुक्त भारत की.’’ उन्होंने कहा, ‘‘गांधी परिवार और कांग्रेस की तासीर समझने में मोदी जी और अमित शाह को कई जन्म लग जाएंगे. इस तासीर में देश की सेवा करने और देश को बचाने का जुनून है. मोदी जी और शाह इसे नहीं समझ सकते. हम डरने वाले नहीं हैं.’’ 

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार का एकमात्र प्रयास लोगों का चरित्र हनन करना होता है और वह विपक्ष की आवाज को दबाती है. पायलट ने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं हैं.’’ 

इससे पहले, कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में मार्च भी निकाला. उन्होंने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर ‘स्टॉप मिसयूज ऑफ ईडी’ (ईडी का दुरुपयोग बंद करो) लिखा हुआ था. उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसी विषय को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल के आवास के निकट प्रदर्शन किया. 

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. की अगुवाई में संगठन के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ता बसों पर खड़े हो गए और नारेबाजी की. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया. 

ईडी आज सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है. इससे पहले उसने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी पांच दिन में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. यह जांच ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ में कथित वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों के सिलसिले में की जा रही है. यंग इंडियन के पास ही नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक है. सोनिया और राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के आखिर में ईडी द्वारा प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) की धाराओं के तहत केस दर्ज करने के बाद शुरू की गई है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है और सारी कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है.