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‘मोदी का परिवार’ से ‘मोदी की गारंटी’ तक, ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर छाया इलेक्‍शन का बुखार, चुनावी प्रोडक्‍ट की धूम

Political Fever: भारत में आम चुनाव-2024 के करीब आते-आते राजनीतिक उत्साह ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है. ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर अलग अलग राजनीतिक दलों से संबंधित प्रोडक्‍ट सबसे ज्यादा देखा जा रहा है.

Political Fever: भारत में आम चुनाव-2024 के करीब आते-आते राजनीतिक उत्साह ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है. ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर अलग अलग राजनीतिक दलों से संबंधित प्रोडक्‍ट सबसे ज्यादा देखा जा रहा है.

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FE Hindi Desk
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election fever hits ecommerce platforms

Election Fever: कुछ राजनीतिक दलों ने स्वयं अपनी-अपनी वेबसाइटों पर ऐसे प्रोडक्‍ट बेचने में सक्रियता दिखाई है. (PTI)

Election Fever on E-Commerce Platform: भारत में आम चुनाव-2024 के करीब आते-आते राजनीतिक उत्साह ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी जमकर देखने को मिल रहा है. ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर अलग अलग राजनीतिक दलों से संबंधित प्रोडक्‍ट (Parties Merchandise) सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. ये ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म चुनाव से संबंधित सभी उत्पाद जैसे भारतीय जनता पार्टी (Bjp) के ‘कमल’ से लेकर पुरानी समुद्री घड़ियों पर आम आदमी पार्टी (आप) का चुनाव चिह्न झाड़ू और कांग्रेस (Congress) के प्रसिद्ध दुपट्टे आदि पेश करते हैं.

राजनीतिक दलों के सामान

बस, किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर किसी भी राजनीतिक दल का नाम दर्ज करें, और झंडे से लेकर पेंडेंट (गले में पहना जाने वाला) और पेन तक अलग अलग तरह के सामान पेज पर आ जाएंगे. एक ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म की एक प्रतिनिधि ने कहा कि यह ट्रेंड शुरू में 2019 के चुनावों के दौरान उभरा था, जब ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म प्रचार माल और सहायक उपकरण के लिए पसंदीदा गंतव्य बन गए. उन्होंने कहा कि जब सब कुछ ऑनलाइन बेचा जाता है, तो यह क्यों नहीं . और विक्रेता ही इसे हमारे प्‍लेटफॉर्म पर डालते हैं और ई-कॉमर्स वेबसाइट को बस यह जांचना है कि यह नियमों का पालन करता है कि नहीं.

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अलग अलग दलों की बढ़ी सक्रियता

विशेष रूप से, कुछ राजनीतिक दलों ने स्वयं अपनी-अपनी वेबसाइटों पर ऐसे प्रोडक्‍ट बेचने में सक्रियता दिखाई है. उदाहरण के लिए, ‘नमो’ मर्चेंडाइज वेबसाइट ‘मोदी का परिवार’, ‘फिर एक बार, मोदी सरकार’, ‘मोदी की गारंटी’, और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जैसे नारों से सजी टी-शर्ट, मग, लोटा, नोटबुक, बिल्ला, रिस्टबैंड (कलाई पर बांधा जाने वाला), चाभी का छल्ला, स्टिकर, चुम्बक, टोपी और कलम आदि प्रोडक्‍ट की एक बड़ी रेंज का दावा करती है. 

ऑनलाइन बिक्री में बढ़ोतरी

इस ट्रेंड पर न्‍यूज एजेंसी द्वारा अमेजन इंडिया और फ्लिपकार्ट से प्रतिक्रिया मांगने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों प्‍लेटफॉर्म से प्रतिक्रिया नहीं मिली. हालांकि, ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर इन सामानों के आपूर्तिकर्ताओं में से एक ने खुलासा किया कि लोकसभा चुनावों में ऐसी वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई. आपूर्तिकर्ता ने कहा कि पहले, हमारी सप्‍लाई दुकानों को होती थी, लेकिन ऑनलाइन रिटेल प्‍लेटफॉर्म की ओर झुकाव को देखते हुए हमें इसे अपनाना ही ठीक लगा. लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से सात चरणों में होने हैं. मतगणना 4 जून को 2024 होगी. उसी दिन पूरे नतीजे आ जाने का अनुमान है.

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