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ELSS: टैक्स सेविंग ही नहीं रेगुलर निवेश के लिए भी बेहतर विकल्प, रिटर्न चार्ट में टॉप पर हैं कई स्कीम

टैक्स सेविंग के लिए निवेश करते समय बहुत से लोग यह ध्यान देने से चूक जाते हैं कि ऐसी स्कीम चुनें, जहां टैक्स की बचत तो हो भी, रिटर्न भी हाई मिले.

टैक्स सेविंग के लिए निवेश करते समय बहुत से लोग यह ध्यान देने से चूक जाते हैं कि ऐसी स्कीम चुनें, जहां टैक्स की बचत तो हो भी, रिटर्न भी हाई मिले.

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FE Online
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ELSS: टैक्स सेविंग ही नहीं रेगुलर निवेश के लिए भी बेहतर विकल्प, रिटर्न चार्ट में टॉप पर हैं कई स्कीम

बाजार में बहुत सी स्कीम हैं, जिनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट का फायदा मिल रहा है. (image: pixabay)

Tax Saver Mutual Funds: बाजार में बहुत सी स्कीम हैं, जिनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट का फायदा मिल रहा है. इनमें स्माल सेविंग्स स्कीम हैं तो म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्‍स स्‍कीम (ELSS) भी एक विकल्प है. टैक्‍सपेयर्स इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत प्रावधानों के तहत, अपना टैक्स बचाने के उपाय करते हैं. लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो यह ध्यान देने से चूक जाते हें कि ऐसी स्कीम चुनें, जहां टैक्स की बचत तो हो भी, रिटर्न भी हाई मिले. अगर आप ऐसे विकल्प की तलाश में हैं तो ELSS आपके लिए अच्छा विकल्प है. यहां आमतौर पर संभावना यही होती है कि फिक्स्ड इनकम वाले विकल्पों से ज्यादा फायदा होगा. ये स्कीम मार्केट से जुड़े रिटर्न की पेशकश करती हैं, लेकिन सीधे इक्विटी के बजाए म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने से रिस्क कम होता है.

3 साल और 5 साल में हाई रिटर्न देने वाले फंड

Quant Tax Plan: 35%, 24%
BOI AXA Tax Advantage: 26%, 19.5%
Mirae Asset Tax Saver: 22%, 19%
Canara Robeco Eqt Tax Saver: 21%, 18%
IDFC Tax Advantage: 21%, 18%
PGIM Ind ELSS Tax Saver: 20%, 16%
JM Tax Gain Dir: 19%, 16%
Invesco Ind Tax Plan: 17, 16%
Axis Long Term Equity: 17%, 16%
DSP Tax Saver: 19%, 16%
Kotak Tax Saver: 19%, 15%

(source: money control)

लॉक इन पीरियड भी 3 साल का

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ELSS की सबसे अचछी बात यह है कि यहां ज्यादातर स्कीम में लॉक इन पीरियड 3 साल का ही होता है. जबकि टैक्स सेवर एफडी या नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी स्कीम में लॉक इन पीरियढ 5 साल का होता है. बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि यहां 3 साल का लॉक इन पीरियड होना और हायर रिटर्न ने ही इसे टैक्स सेविंग का पॉपुलर विकल्प बना दिया है. 5 साल की एफडी या अन्य सेविंग्स स्कीम पर जहां सालाना ब्याज 6 से 7.5 फीसदी के आस पसस है. वहीं ELSS के रिटर्न पर नजर डालें तो निवेशकों को 5 साल में कई स्कीम में 15 से 20 फीसदी तक रिटर्न मिला है.

जितना लंबी निवेश, उतना ज्यादा फायदा

निगम का कहना है कि आमतौर पर इन स्कीम में लॉक इन पीरियड होता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि इसके बाद आप यूनिट भुना लें. इन स्कीम में जितना लंबा निवेया करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा है. दसी वजह से अब यह सिर्फ टैक्स बचाने का ही नहीं, बल्कि भविष्य के निवेया या फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा हो चुका है.

ELSS में निवेश के अन्य फायदे

ELSS के निवेशक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को भी चुन सकते हैं. ELSS में से कम से कम 80 फीसदी एक्सपोजर इक्विटी में होता है. इस वजह से हायर रिटर्न की गुंजाइश बढ़ जाती है. इसमें सभी मार्केट कैप में निवेश करने की फ्लेक्सिबिलिटी भी है, जो इसे इक्विटी फंड्स के बीच एक यूनिक प्रोडक्ट बनाता है. ELSS में निवेश पर होने वाला लाभ और रिडम्‍पशन से मिली राशि पूरी तरह टैक्‍स फ्री होती है. ELSS के जरिए 1 साल में 1 लाख रुपए तक रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) को इनकम टैक्स से छूट है. हालांकि इस लिमिट से अधिक लाभ पर 10 फीसदी की दर से टैक्‍स देना होता है.

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