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EPFO: ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति की बैठक आज और कल दिल्ली में हो रही है. इसमें पेंशनर्स की मांगों को लेकर चर्चा हुई और कल भी होनी है.
EPFO News: एम्पलाई पेंशन स्कीम (ईपीएस) के तहत आने वाले पेंशनर्स ने न्यूनतम मासिक पेंशन 75,00 रुपये करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में 31 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय किया है. ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि लंबे समय तक रेगुलर पेंशन फंड में योगदान करने के बावजूद पेंशनर्स को इतनी कम पेंशन मिल रही है कि उनका गुजर-बसर कर पाना भी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 साल से देशभर के 78 लाख पेंशनर्स मिनिमम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अबतक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की है.
क्या है ईपीएस 95?
ईपीएस यानी एम्पलाई पेंशन स्कीम, 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा प्रॉविडेंट फंड यानी एफडी में जाता है. वहीं कंपनी के 12 फीसदी हिस्से में से 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है. इसके अलावा पेंशन फंड में सरकार भी अपनी तरफ से 1.16 फीसदी का योगदान करती है.
हर महीने सिर्फ 1450 रुपये मिल रही है पेंशन
फिलहाल पेंशनर्स को औसतन सिर्फ 1,450 रुपये मासिक पेंशन ही मिल रही है. पेंशनर्स महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने और पेंशनर्स के जीवनसाथी (पति या पत्नी) को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने समेत अन्य मांगें कर रहे हैं. राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दो बार और वित्त मंत्री और श्रम मंत्री से भी बातचीत के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसके चलते पेंशनर्स में निराशा बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अब हम उन राजनीतिक दलों को समर्थन देंगे, जो हमारी समस्याओं को सुलझाने के लिए आगे आएंगे. हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
बैठक में मांगें नहीं हुईं पूरी तो दिल्ली में दो दिन धरना करेंगे पेंशनर्स
संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सचिव रमेश बहुगुणा ने कहा कि समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज और कल यानी 29-30 जुलाई को दिल्ली में हो रही है. इसमें पेंशनर्स की मांगों पर चर्चा हुई और कल भी होनी है. अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो 31 जुलाई और 1 अगस्त को जंतर-मंतर पर धरना दिया जाएगा, जिसमें देशभर से पेंशनधारक शामिल होंगे.