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FY21 में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 48% बढ़ा, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में रिकॉर्ड वृद्धि बनी वजह

महामारी के कारण भले ही लगभग हर प्रकार के टैक्स कलेक्शन में कमी आयी हो, लेकिन एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर्ज की गयी.

महामारी के कारण भले ही लगभग हर प्रकार के टैक्स कलेक्शन में कमी आयी हो, लेकिन एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर्ज की गयी.

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PTI
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FY21 में एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 48% बढ़ा, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में रिकॉर्ड वृद्धि बनी वजह

पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस को GST व्यवस्था से बाहर रखा गया है.

महामारी के कारण भले ही लगभग हर प्रकार के टैक्स कलेक्शन में कमी आयी हो, लेकिन उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में चालू वित्त वर्ष के दौरान 48 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. इसका कारण डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क दर में रिकॉर्ड वृद्धि है. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान उत्पाद शुल्क का कलेक्शन 2019 की इसी अवधि के 1,32,899 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,96,342 करोड़ रुपये हो गया.

उत्पाद शुल्क कलेक्शन में यह वृद्धि चालू वित्त वर्ष के आठ महीने की अवधि के दौरान डीजल की बिक्री में एक करोड़ टन से अधिक की कमी के बावजूद हुई. डीजल भारत में सबसे ज्यादा खपत होने वाला ईंधन है. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2020 के दौरान डीजल की बिक्री साल भर पहले के 5.54 करोड़ टन से कम होकर 4.49 करोड़ टन रह गयी. इस दौरान पेट्रोल की खपत भी साल भर पहले के 2.04 करोड़ टन से कम होकर 1.74 करोड़ टन रही.

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इस वित्त वर्ष दो बार बढ़ा है टैक्स

उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि आर्थिक क्षेत्र में सुस्ती के बावजूद उत्पाद शुल्क कलेक्शन में हुई वृद्धि का मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल पर कर की दर में रिकॉर्ड वृद्धि का होना है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोल पर दो बार में उत्पाद शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया है. इससे पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़कर 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत 84.70 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 74.88 रुपये प्रति लीटर है. महालेखा नियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार 2019-20 पूरे वित्त वर्ष में कुल उत्पाद शुल्क प्राप्ति 2,39,599 करोड़ रुपये रही है.

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GST दायरे से बाहर हैं पेट्रोल-डीजल

पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था से बाहर रखा गया है. देश में जुलाई 2017 से जीएसटी व्यवस्था अमल में आई है. पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) लगाती हैं.

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