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Eye flu in India: राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों का कहना है कि इससे युवा आबादी सबसे अधिक प्रभावित है.
Eye flu in India: भारत में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार महाराष्ट्र में आई फ्लू के 39,400 से अधिक मामले सामने आए हैं और राज्य अधिकारियों ने निगरानी तेज करने के लिए जिलों को सतर्क कर दिया है. दिल्ली में डॉक्टरों ने लोगों को खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी है. राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों का कहना है कि इससे युवा आबादी सबसे अधिक प्रभावित है. कंजंक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए लोग अब हर तरह के 'नुस्का' अपना रहे हैं. कुछ लोग यह मानकर भी गहरे रंग का धूप का चश्मा पहनने से इसे फैलने से रोका जा सकता है. लेकिन क्या यह वास्तव में काम करता है?
काला चश्मा पहनने से कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण नहीं रुकता
एस.एल. रहेजा अस्पताल माहिम में सलाहकार नेत्र रोग विशेषज्ञ, सुनील मोरेकर कहते हैं कि काला चश्मा पहनने से कंजंक्टिवाइटिस में संक्रमण को फैलने से नहीं रोका जा सकता है. ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित किसी अन्य व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद अपनी आंखों को छूने से फैलता है. डॉ. मोरेकर ने यह भी कहा कि इसमें फोमाइट्स की भूमिका भी अहम है.
फोमाइट क्या है?
फोमाइट ऐसी वस्तुएं या सामग्रियां हैं जिनमें संक्रमण फैलने की संभावना होती है, जैसे कपड़े, मोबाइल फोन, लैपटॉप और फर्नीचर. इसलिए, मूल बात यह है कि लैपटॉप, कंप्यूटर, माउस, टेबल और फोन जैसी चीजों को दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए और अगर कोई ऐसी चीजों को छूता है, तो अपने हाथों को साफ करना चाहिए. डॉ. मोरेकर ने सैनिटाइजर के इस्तेमाल और बाद में आंखों को छूने को लेकर भी आगाह किया. उन्होंने कहा, "हालांकि सावधानी की एक बात यह है कि सैनिटाइजर का उपयोग करने के बाद, उन हाथों से आंखों को छूने से रासायनिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है.
ये है सबसे बड़ी गलतफहमी
कंजंक्टिवाइटिस के दौरान धूप का चश्मा पहनना एक आम ग़लतफ़हमी है'. कोच्चि के अमृता अस्पताल में नेत्र विज्ञान के क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ. मनोज प्रतापन के अनुसार, कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों को गहरे रंग का धूप का चश्मा पहने देखना आम बात है. उन्होंने कहा, “एक आम ग़लतफ़हमी है कि यह दूसरों की आँखों में देखने से संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए है. हालांकि यह समझना आवश्यक है कि कंजंक्टिवाइटिस केवल किसी प्रभावित व्यक्ति को देखने से नहीं फैलता है इन चश्मे को पहनने के पीछे मुख्य कारण लाइट सेंसिटिविटी से उत्पन्न होने वाली असुविधा को कम करना है, जो इस स्थिति के सबसे आम लक्षणों में से एक है."